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आ चल के तुझे मैं लेके चलूँ एक ऐसे गगन के तले...
डिजिटल डेस्क जबलपुर। हाथों में तिरंगा था तो वहीं भोले के डबरू की आवाज़, सिर पर मटकी लेकर थिरके कदम तो वहीं कलरफुल ड्रेसेस में पूरे अनुशासन के साथ स्पेशल चिल्ड्रन ने दी परफॉर्मेंस। यह नजारा था शनिवार शाम को मानस भवन में आयोजित जस्टिस तन्खा मेमोरियल रोटरी इंस्टिट्यूट फॉर स्पेशल चिल्ड्रन के रजत जयंती समारोह का। आ चल के तुझे मैं ले के चलूँ इक ऐसे गगन के तले... देखो इन्हें ये हैं ओस की बूंदें...जैसे गीतों पर हुईं प्रस्तुतियाँ भावुक कर गईं। बच्चों ने माँ के प्रति भावनाओं को भी बड़े ही इमोशनल अंदाज में अभिव्यक्त किया, जिसने भी इन प्रस्तुतियों को देखा तारीफ किए बिना नहीं रह सका।
राष्ट्रगान की प्रस्तुति
शुरूआत में मूक बधिर बच्चों द्वारा साइन लैंग्वेज के माध्यम से राष्ट्रगान की प्रस्तुति दी गई। बच्चों ने देशभक्ति के जज्बे को उजागर किया। इसके बाद एक से बढ़कर प्रस्तुतियों का सिलसिला शुरू हुआ, जिसे देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।
माँ तो माँ होती है...
माँ, ये शब्द ही अपने आप में हमें अहसास दिलाता है कि माँ जैसा इस दुनिया में कोई नहीं। बच्चों ने माँ के प्रति भावनाओं को प्रस्तुति से अभिव्यक्त किया। स्पेशल एक्ट में उन्होंने बताया कि बच्चे हमेशा अपनी माँ के लिए सुपरहीरो हैं। माँ उनकी कमियों को दूर कर उन्हें सदा ही जीवन में आगे बढऩे के लिए प्रेरित करती है।
कर हर मैदान फतेह ...
बच्चों ने जोश और उत्साह के साथ जीत के जज्बे को भी बयां किया। कर हर मैदान फतेह...गीत पर मलखंब और योगा पर आधारित प्रस्तुति ने सबका दिल जीत लिया। स्पेशल चिल्ड्रन ने बताया कि वे किसी से कम नहीं है। हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
स्कूल चलें, चलो बस्ता उठाएँ
शिक्षा जीवन में कितनी मायने रखती है, इस बात को भी बखूबी अभिव्यक्त किया गया। स्कूल चलें, चलो बस्ता उठाएँ...प्रस्तुति में स्कूल का सीन क्रिएट किया गया। पेंसिल, रबर और स्कूल बस भी यहाँ नजर आए। वहीं शिव स्तुति और गरबा की प्रस्तुति को भी सभी ने जमकर सराहा। खास बात ये रही कि बच्चों ने पूरे अनुशासन के साथ दिल से हर प्रस्तुति में पार्टिसिपेट किया।
Created On :   17 Sept 2022 11:02 PM IST