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गर्भलिंग परीक्षण प्रतिबंधक कानून को प्रभावी रूप से लागू करने समिति गठित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम 2003 के अधिक प्रभावी रूप से कार्यान्वयन के लिए राज्य निरीक्षण और निगरानी समिति का पुनर्गठन किया गया है। राज्य निरीक्षण और निगरानी समिति का अध्यक्ष विजया रहाटकर को बनाया गया है। रहाटकर फिलहाल राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हैं। प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। सरकार की ओर से गठित रहाटकर समिति का कार्यकाल तीन साल का होगा।
यह समिति गर्भलिंग परीक्षण प्रतिबंधक कानून को प्रभावी रूप से लागू करेगी। समिति को सोनोग्राफी केंद्र की जांच करने का अधिकारी होगा। सोनोग्राफी केंद्र में त्रुटि पाए जाने पर मशीन सील बंद करने के लिए संबंधित समुचित प्राधिकरण को सूचित करेगी। समिति कानून को लागू करते समय कुछ कमियां पता चलने पर उसके प्रभावी रूप से लागू करने के लिए पर्यवेक्षी बोर्ड और सरकार को उपायों के बारे में सुझाव देगी। राज्य निरीक्षण और निगरानी समिति में कुल 15 सदस्य हैं।
समिति के सदस्य के रूप में विधायक प्रा. मेधा कुलकर्णी, विधायक डॉ. देवराव होली, विधायक शशिकांत खेडेकर, विधायक राहुल पाटील, सेवानिवृत्त जस्टिस उर्मिला जोशी, मुंबई के बोरिवली की सामाजिक संस्था मानस प्रतिष्ठान, नई मुंबई के स्त्री मुक्ति संगठन की प्रो. वृक्षाली मगदुम, पुणे के जनविकास प्रतिष्ठान की नंदिनी दातार, ठाणे की आदर्श महिला संस्था की मनीषा सांबारे, राज्य सरकार के स्वास्थ्य सेवा की सह निदेशक डॉ. साधना तायडे, नगर विकास विभाग की सह सचिव सीमा ढमढेरे, महिला व बाल कल्याण विभाग की उपसचिव स्मिता निवतकर समेत अन्य अधिकारियों को शामिल किया गया है।
Created On :   9 July 2018 9:00 PM IST