एंटी माफिया के खिलाफ कार्रवाई पर नहीं दिया जा सकता है कॉमन ऑर्डर

Common order cannot be given against action against anti-mafia
एंटी माफिया के खिलाफ कार्रवाई पर नहीं दिया जा सकता है कॉमन ऑर्डर
एंटी माफिया के खिलाफ कार्रवाई पर नहीं दिया जा सकता है कॉमन ऑर्डर

हाईकोर्ट ने कहा - पीडि़त व्यक्ति न्यायालय जाने के लिए स्वतंत्र, याचिका का निराकरण
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने कहा है कि एंटी माफिया के खिलाफ चल रही कार्रवाई के खिलाफ कॉमन ऑर्डर जारी नहीं किया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाती है तो वह न्यायालय जाने के स्वतंत्र है। इस अभिमत के साथ डिवीजन बैंच ने एंटी माफिया के खिलाफ चल रही कार्रवाई को लेकर दायर जनहित याचिका का निराकरण कर दिया है। छिंदवाड़ा निवासी विधि छात्र अभिषेक मिश्रा की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश भर में एंटी माफिया कार्रवाई की जा रही है। किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने के पहले उसे न तो नोटिस दिया जा रहा है, न ही उसे सुनवाई का अवसर दिया जा रहा है। बिना किसी सुनवाई के मकान और व्यावसायिक संपत्ति तोडऩे की कार्रवाई की जा रही है। याचिका में कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 300 में स्पष्ट कहा गया है कि राज्य किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने के पहले कानूनी प्रक्रिया का पालन करेगा। इसके साथ ही प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के अनुसार हर व्यक्ति को सुनवाई का अवसर दिया जाएगा। याचिका में एंटी माफिया कार्रवाई की न्यायिक जाँच का आदेश दिए जाने का अनुरोध किया गया था। राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने कहा कि एंटी माफिया के खिलाफ कार्रवाई में पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। यह कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ की जा रही है, जिनके आपराधिक रिकॉर्ड हैं। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने याचिका का निराकरण कर दिया है।


 

Created On :   11 Feb 2021 2:58 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story