- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- शिवसेना सांसद के डर से तीन महिनों...
शिवसेना सांसद के डर से तीन महिनों से घर नहीं गया शिकायतकर्ता
डिजिटल डेस्क, मुंबई। वासिम-यवतमाल से शिवसेना सांसद भावना गवली के खिलाफ करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप लगाने वाले हरीष सारडा पिछले तीन महीने से अपने घर नहीं जा सके हैं। सारडा ने बताया कि तीन महीने पहले उन पर जानलेवा हमला हुआ था, जिसके चलते उन्हें घर छोड़ना पड़ा। अब वह कभी नागपुर, कभी मुंबई और कभी कहीं और रहने वाले अपने दोस्तों-रिश्तेदारों के घर में समय बिता रहे हैं। सारडा ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि जान के खतरे को देखते हुए उन्होंने पुलिस सुरक्षा हासिल करने की कोशिश की लेकिन एक बार सुरक्षा मुहैया कराने के बाद पुलिस ने सुरक्षा हटा ली। बाद में सुरक्षा देने के लिए उसने 36 लाख रुपए सालाना मांगे गए। मूल रूप से वासिम जिले के माधवनगर के रहने वाले सारडा का परिवार अब भी घर पर ही है लेकिन वे इतने डरे हुए हैं कि सुरक्षा के लिए घर पर निजी गार्ड तैनात किए हुए हैं। परिवार वाले भी बाहर जाने से बचते हैं और ज्यादातर समय गेट पर अंदर से ताला लगाकर रखते हैं।
कभी कट्टर शिवसैनिक थे सारडा
गवली भले ही अपने खिलाफ मामले को भाजपा की साजिश बता रहीं हैं लेकिन उनके खिलाफ शिकायत करने वाले सारडा खुद कट्टर शिवसैनिक रहे हैं। कभी शिवसेना वासिम जिला उपाध्यक्ष रहे सारडा ने बताया कि उन्होंने 6-7 महीने पहले एक अखबार में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की वासिम शाखा का विज्ञापन देखा जिसमें गवली के कारखाने भावना एग्रो प्रोडक्ट एंड सर्विसेस लिमिटेड की पांच करोड़ रुपए कर्ज के चलते नीलामी की बात लिखी हुई थी तो उन्हें भ्रष्टाचार का एहसास हुई। आगे छानबीन करने पर उन्होंने पाया कि गवली ने अपने नाम पर बनाई कंपनी पहले अपने ही निजी सचिव को बेची जिसने श्री बालाजी सहकारी पार्टिकल बोर्ड कारखाना खरीदा है।
बाला साहेब के नाम वाला शिलापट्ट भी हटाया
सारडा ने बताया कि मैं इसलिए ज्यादा दुखी था क्योंकि साल 1995 में शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने इस कारखाने का भूमिपूजन किया था और वे खुद 5 हजार शिवसैनिकों को लेकर उस कार्यक्रम में पहुंचे थे। लेकिन इस कारखाने के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया यही नहीं एक मंत्री की दौरे से पहले बालासाहेब के नाम पर लगा भूमिपूजन का पत्थर भी तोड़ दिया गया जिससे उसकी इस पर नजर न पड़े। सारडा ने कारखाने में कथित अनिमितता की शिकायत पहले पुलिस और दूसरे संबंधित अधिकारियों से करने की कोशिश की थी और बाद में जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने बांबे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच का दरवाजा खटखटाया। अदालत के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। इसके बाद सारडा ने इसी साल 13 जुलाई को मनी लांडरिंग का आरोप लगाते हुए ईडी से भी शिकायत की। पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर और सारडा की शिकायत के आधार पर ईडी ने अब मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
पुलिस कर रही परेशान
सारडा ने आरोप लगाया कि गवली के खिलाफ शिकायत करने के चलते पुलिस उन्हें लगातार परेशान कर रही है और वासिम के पालकमंत्री व राज्य के गृहराज्य मंत्री संभूराजे देसाई ने भी उनके खिलाफ पुलिस वालों को खुली छूट दे रखी है। सारडा ने कहा कि पुलिस ने उनका मोबाइल जब्त किया, उन पर एट्रासिटी का मामला दर्ज किया, पुलिस हिरासत में लेने की कोशिश की और तड़ीपार का नोटिस थमा दिया, उनके स्टोन क्रशर पर भावना गवली के लोगों ने कब्जा कर लिया और सवा करोड़ का
Created On :   31 Aug 2021 9:01 PM IST