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बकाया बिल के लिए शव को रोका कलेक्टर से शिकायत, आदित्य हॉस्पिटल प्रबंधन ने नकारा

डिजिटल डेस्क जबलपुर । होमसाइंस कॉलेज समीप स्थित आदित्य हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत के बाद बकाया बिल के लिए शव को रोके जाने की शिकायत केयर बाय कलेक्टर में की गई। तत्काल ही अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग से निजी अस्पतालों के नोडल अधिकारी को भेजा गया। जाँच में पता चला कि मृतक के पूना में कार्यरत परिजन ने उक्त शिकायत की थी जबकि यहाँ मरीज के अटेंडर इस बात से बेखबर थे। अस्पताल प्रबंधन ने बाद में 2 लाख रुपए के बकाया बिल में से 1.25 लाख रुपए माफ किए वहीं परिजनों ने एक महीने आगे का 75 हजार रुपए का चैक दिया।
जानकारी के अनुसार 11 नवंबर को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल 45 वर्षीय रीवा निवासी युवक को परिजन आदित्य हॉस्पिटल में इलाज के लिए लाए थे। उसकी हालत गंभीर थी आईसीयू में इलाज के बाद स्थिति में सुधार हुआ तो परिजन उसे मेडिकल ले गए, वहाँ जगह नहीं मिलने पर दूसरे निजी अस्पताल चले गए। आखिर में उसे फिर आदित्य हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। जहाँ जाँच में वह कोविड संक्रमित निकला जिसकी मंगलवार को इलाज के दौरान मौत हुई।
प्रबंधन ने कहा- शव नहीं रोका
अस्पताल में इलाज का कुल बिल 5.60 लाख रुपए बना था, जिसमें परिजन पहले ही 3.60 लाख जमा कर चुके थे। शेष दो लाख के भुगतान के मामले में शव रोकने की शिकायत कलेक्टर तक पहुँची। अस्पताल के सीईओ अंकित जैन ने बताया कि शव रोकने जैसी कोई बात नहीं थी, चूँकि कोविड पॉजिटिव का शव था तो नगर निगम टीम को बुलाया गया तथा परिजनों को ज्यादा समय तक खुले में शव नहीं रखने की जानकारी दी गई। यहाँ जो परिजन थे उन्होंने रीवा से पेमेंट आने की जानकारी दी।
इसी बीच स्वास्थ्य विभाग नोडल अधिकारी भी आए उनके सामने ही परिजन ने 75 हजार रुपए का पोस्ट डेटेड चैक देने पर सहमति जताई तो बाकी रकम माफ की गई। यहाँ परिजन अस्पताल प्रबंधन व इलाज से संतुष्ट थे।
Created On :   9 Dec 2020 1:57 PM IST