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सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों का अंबार, छोटे जिले भी आगे, बॉटम-5 में अपना जिला
प्रजातंत्र का मूल मंत्र जनता की खुशहाली, जबलपुर उसी में फिसड्डी!
डिजिटल डेस्क जबलपुर । प्रजातंत्र का मूल मंत्र ही है जनता की खुशहाली। संभवत: इसी मंत्र को ध्यान में रखते हुए सीएम हेल्पलाइन जैसी योजना शुरू की गई। जिससे जनता को किसी भी तरह की परेशानी होने पर शिकायत के साथ ही उसके निराकरण की प्रक्रिया शुरू की जा सके। अफसोस जनक पहलू यह है कि जबलपुर अपने ग्रुप में फिसड्डी साबित हुआ है। हर माह होने वाली ग्रेडिग में बॉटम 5 में आने से प्रशासनिक अमले के भी होश उड़ गए हैं। सीएम हेल्पलाइन में हर रोज उतनी शिकायतों का समाधान तो हो नहीं पाता, बल्कि नए मामलों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। यही वजह है कि पेंडेंसी का आँकड़ा हवा की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है और इस वजह से प्रदेश स्तर पर जिले की ग्रेडिंग गिरती जा रही है।
कहाँ बाकी जिले और कहाँ अपना शहर - सीएम हेल्पलाइन में आने वाले प्रकरणों की स्थिति के लिए प्रदेश स्तर पर दो अलग-अलग ग्रुप बनाए गए हैं। दोनों ग्रुपों में 26-26 जिलों को शामिल किया गया है। ग्रुप ए में शामिल जबलपुर को बॉटम-5 में जगह मिल पाई है। हैरानी वाली बात यह है कि सिवनी, सिंगरौली, दमोह, सतना, कटनी जैसे जिलों का प्रदर्शन लाख गुना बेहतर रहा है।
महज 31.61त्न संतुष्टि
जिलेवार ग्रेडिंग में शिकायतकर्ता की संतुष्टि का भी पैमाना तय किया गया है। इस मामले में भी जबलपुर 31.61 प्रतिशत ही अंक हासिल कर सका है।
पेमेंट में कटौती, रोक भी मुमकिन
अपनी गिरती छवि को सुधारने के लिए जिला प्रशासन ने अब पूरे सिस्टम को दुरुस्त करने की कवायद शुरू की है। पता चला है कि शिकायतों के निराकरण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर वेतन कटौती की कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा वेतन पर पूरी तरह से रोक का प्रावधान बनाया गया है।
Created On :   24 July 2021 6:17 PM IST