- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- सीएम के नाम को लेकर कांग्रेस की...
सीएम के नाम को लेकर कांग्रेस की चुप्पी, सरकार बनाने समर्थन पत्र पर विधायकों के हस्ताक्षर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा प्रमुख शरद पवार के बयान के बावजूद प्रदेश के नए मुख्यमंत्री को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नजर नहीं आ रही है। पवार ने मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति होने का दावा किया है पर मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर कांग्रेस सीधे कुछ कहने से बच रही है। शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि पहली बार तीनों दलों के शीर्ष नेताओं की सरकार बनाने को लेकर एक साथ बैठक हुई है। शनिवार को भी एक बैठक होगी। इसके बाद प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से नए सरकार की रूपरेखा के बारे में घोषणा की जाएगी। उद्धव के नेतृत्व के नाम पर एक राय होने वाले पवार के बयान पर चव्हाण ने कहा कि पवार ने मुख्यमंत्री पद के बारे में जो कहा है वह रिकार्ड पर है। मुझे इस बारे में अभी कुछ नहीं कहना है। मुख्यमंत्री पद सहित पूरी बातों की जानकारी शनिवार को ही देंगे। बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली से आए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि सरकार गठन को लेकर सब कुछ बताया जाएगा। राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने मुख्यमंत्री पद के सवाल पर कहा कि हम एक साथ में सभी जानकारी साझा करेंगे। वहीं शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि बैठक में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चर्चा नहीं हुई है। जबकि राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि पवार का आग्रह रहा है कि सरकार का चेहरा उद्धव बने। अब मुख्यमंत्री पद को लेकर उद्धव को अंतिम फैसला करना है। हमें उम्मीद है कि उद्धव मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। मलिक ने कहा कि शनिवार की प्रेस कांफ्रेस में तीनों दलों के नेता मौजूद रहेंगे।
सरकार बनाने समर्थन पत्र पर विधायकों के हस्ताक्षर
राज्य में नई सरकार बनने की हलचलों के बीच शुक्रवार को कांग्रेस विधायकों ने शिवसेना के नेतृत्व मनें बनने वाली सरकार के लिए समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर किए। विधान भवन स्थित कांग्रेस कार्यालय में बुलाई गई पार्टी विधायकों की बैठक में विधायक दल के नेता का चुनाव नहीं हो सका। सूत्रों के अनुसार विधायक दल नेता बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि सरकार बनाने के लिए आज कांग्रेस विधायकों से उनके हस्ताक्षर लेने की प्रक्रिया पूरी की गई। विधायक दल नेता चुने जाने के सवाल पर चव्हाण ने कहा कि उसके लिए अलग से बैठक होगी। गौरतलब है कि भाजपा, शिवसेना और राकांपा ने अपने विधायक दल के नेताओं का चुनाव पहले ही कर लिया है, लेकिन अभी तक कांग्रेस विधायक दल के नेता का चुनाव नहीं हो सका है। पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस कार्यालय तिलक भवन में एक बैठक भी बुलाई गई थी, लेकिन इसमें कोई फैसला नहीं हो पाया। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस विधायक दल के नेता के नाम का एलान विधानसभा अधिवेशन की तिथि तय होने के बाद होगा। शिवसेना के नेतृत्व में बनने वाली सरकार में कांग्रेस को उपमुख्यमंत्री पद मिलने वाला है। कांग्रेस विधायक दल का नेता ही उपमुख्यमंत्री होगा। इस पद के लिए पार्टी में कई दावेदार हैं। इस लिए इसका फैसला पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी। फिलहाल कांग्रेस विधायक दल बनने की दौड़ में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बाला साहेब थोरात के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, विजय वडेट्टीवार शामिल हैं।
उद्धव को मुख्यमंत्री चाहते हैं शिवसेना विधायक - पार्टी प्रमुख ने नहीं दिया जवाब
नई सरकार बनाने के लिए राकांपा और कांग्रेस से समझौता होने के बाद शिवसेना के विधायक चाहते हैं कि पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने। शुक्रवार को मातोश्री में हुई पार्टी के विधायकों की बैठक में सभी विधायकों ने एक सुर में उद्धव से मुख्यमंत्री बनने का आग्रह किया। लेकिन उद्धव ने विधायकों की मांग पर कोई जवाब नहीं दिया। इससे मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना के विधायकों में सस्पेंस बना हुआ है पर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना के विधायक दल नेता एकनाथ शिंदे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। शिवसेना के सांसद संजय राऊत के नाम की भी चर्चा है। मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदार होने के सवाल पर शिंदे ने हाथ जोड़ लिया। शिंदे ने कहा कि उद्धव साहब का फैसला अंतिम होगा। शिवसैनिक के रूप में उद्धव का निर्णय मेरे लिए अंतिम होगा। उनके निर्णय का पालन करना हमारा काम है।
मोदी-शाह ने नहीं किया फोन
सूत्रों के मुताबिक उद्धव ने उन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें कहा जा रहा था कि सरकार बनाने के लिए भाजपा ने शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने का प्रस्ताव दिया है। उद्धव ने कहा कि विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को छोड़कर भाजपा के किसी नेता से बातचीत नहीं हुई है। चुनाव नतीजें घोषित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने मुझे फोन तक नहीं किया।
अब जल्द बनेगी सरकार
उद्धव ने कहा कि सरकार बनाने के लिए राकांपा और कांग्रेस से अब तक सकारात्मक बातचीत हुई है। सब कुछ सही दिशा में चल रहा है। सरकार बनाने को लेकर शुक्रवार देर रात तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। उद्धव ने कहा कि हमने शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे को जो वचन दिया था वह पूरा होगा। उद्धव ने विधायकों से कहा कि प्रदेश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति के लिए भाजपा जिम्मेदार है। भाजपा ने ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद देने का वादा पूरा नहीं किया। इसलिए हमें राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की नौबत आई है। उद्धव ने कहा कि नई सरकार बनने के बाद किसानों के हितों को ध्यान में रखकर महत्वपूर्ण फैसले किए जाएंगे।
मुंबई के होटल में रहेंगे शिवसेना के विधायक
सरकार गठन को लेकर चल रही हलचल के बीच पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के सभी विधायकों को मुंबई में रुकने का आदेश दिया है। इसके बाद शिवसेना के सभी विधायक उपनगर अंधेरी के होटल द ललित में ठहरे हुए हैं। शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने कहा कि हमें नहीं पता कि विधायकों के जयपुर जाने की खबरें कहा से आई हैं। सभी विधायक मुंबई में ही रूकेंगे।
2014 में 10 नवंबर तक हो गया था विधानसभा का गठन
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम के महीने भर बाद भी नई सरकार न बन पाने के कारण नवनिर्वाचित विधायकों को वेतन और भत्ता नहीं मिल पाया है। लेकिन नवनिर्वाचित विधायकों का कोई आर्थिक नुकसान नहीं होगा। क्योंकि राज्य में जिस दिन 14 वीं विधानसभा का गठन होगा उस दिन से अगले पांच सालों तक विधायकों का वेतन और भत्ते का लाभ मिलता रहेगा। विधानसभा के सदस्यों को हर महीने वेतन और भत्ता मिलाकर 1 लाख 83 हजार 440 रुपए मिलते हैं। महाराष्ट्र विधानमंडल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि नए विधायकों को भले ही फिलहाल वेतन और भत्ता नहीं शुरू हो पाया है लेकिन इससे विधायकों को नुकसान नहीं होने वाला है। विधानसभा के सदस्य जिस दिन विधायक पद की शपथ लेंगे उस दिन से वेतन और भत्ते का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। नई सरकार के शपथग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की पहली बैठक होगी। राज्य मंत्रिमंडल विधानसभा का विशेष अधिवेशन बुलाने की सिफारिश राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से करेगा। राज्यपाल की अनुमति के बाद बुलाए जाने वाले विशेष अधिवेशन में नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। इससे पहले साल 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद 13 वीं विधानसभा का गठन 10 नवंबर 2014 को हुआ था। साल 2019 के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद 9 नवंबर तक 14 वीं विधानसभा का गठन होना अपेक्षित था। लेकिन राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना की युति में दरार पैदा हो गई। इसके बाद भाजपा ने सरकार बनाने से कदम पीछे खींच लिया। भाजपा की सहयोगी शिवसेना अब नए साथी राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर नए सरकार बनाने जा रही है।
विधानसभा सदस्यों को मिलने वाला वेतन और भत्ता
राज्य में नई सरकार बनने के बाद महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्यों को हर महीने 1 लाख 83 हजार 440 रुपए मिलेंगे। इसमें विधायकों का मूल वेतन 67 हजार रुपए शामिल है। जबकि महंगाई भत्ता 88 हजार 440 रुपए, फोन की सुविधा के लिए 8 हजार रुपए, डाक सुविधा के लिए 10 हजार रुपए और कम्प्यूटर चालक सेवा के लिए 10 हजार रुपए मिलेंगे। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं।
Created On :   22 Nov 2019 7:06 PM IST