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बजट बैठक में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आपस में भिड़े कांग्रेसी पार्षद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। नगर निगम की बजट बैठक में आज एक नया मोड़ उस समय आ गया जब कांग्रेस के ही पूर्व नेता प्रतिपक्ष और वीरसावरकर वार्ड के पार्षद आपस में ही उलझ पड़े। चूंकि मामला पार्षद के वार्ड में हुए विकास कार्य से जुड़ा था, इसलिए वे जानकारी देना चाह रहे थे, जबकि पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने यह माना कि पार्षद अधिकारियों का बचाव कर रहे हैं। बात इतनी बढ़ी कि पूर्व नेता प्रतिपक्ष सदन छोड़कर जाने लगे पर उन्हें मना लिया गया। वहीं सदन में आचार्य विद्या सागर महाराज के 50वें दीक्षा पर्व की स्मृति में शहर के दो स्थानों पर स्तम्भ बनाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया।
बजट बैठक की शुरूआत में आज पूर्व पार्षद मुकेश राठौर ने बोलना शुरूकिया। उन्होंने कहाकि इस सदन में मंत्री, सांसद और विधायकों को भी आना चाहिए, ताकि हम पार्षद शहर की जनता के दर्द उन्हें बताएं और फिर वे बड़े सदन में इस बात को उजागर करें। आपने कहाकि निगम में महापौर तक के पास अब कोई पॉवर नहीं है, एमआईसी को कोई जानकारी ही नहीं होती है। आने वाले समय में पार्षदों की भमिका शून्य हो जाएगी। इसके बाद एमआईसी सदस्य वीणा रजनीश जैन ने आचार्य श्री के 50वें दीक्षा पर्व की स्मृति में स्तम्भ निर्माण के िलए सिविक सेंटर और शांति नगर में 8 गुणित 10 वर्गफीट की भूमि दिए जाने की मांग की जिस पर सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पासकिया गया। वहीं बेड़ी पटेल ने माढ़ोताल आईटीआई चौक को सरदार वल्लभ भाई पटेल चौक के नाम पर करने और उनकी प्रतिमा लगाने की मांग की। इस पर नेता प्रतिपक्ष राजेश सोनकर ने कहाकि प्रतिमा आदमकद हो और शहर में लगी महापुरुषों की सभी प्रतिमाओं की देखभाल की जिम्मेदारी भी ली जाए।
पार्षद की जानकारी में थी मिट्टी ढुलाई
एमआईसी सदस्य मनप्रीत आनन्द काके ने जानकारी दीकि गुलौआ में जो भी कार्य हुआ उसकी पूरी जानकारी कांग्रेसी पार्षद संजय राठौर को है और वहां से जितनी ट्रिप भी मिट्टी की ढुलाई हुई उनका सत्यापन खुद श्री राठौर ने किया। इसके बाद भी श्री सक्सेना मनप्रीत आनन्द से ही जानकारी लेना चाह रहे थे, जिस पर संजय राठौर ने कहाकि वहां से 2176 ट्रिप मिट्टी ढुलाई हुई थी और टेंडर जारी नहींकिया गया था, चूंकि बारिश आने के पहले कार्य कराना था, इसलिए सीधे कार्य कराया गया और बिल बना।
एक कार्य का दो बार बिल क्यों
पूर्व नेता प्रतिपक्ष विनय सक्सेना ने कहाकि जलसंरक्षण के कार्य में भी गंभीर घोटालाकिया गया है। गुलौआ तालाब से जो मिट्टीनिकाली गई और ढुलाई की गई, पहले उसका बिल 10 लाख रुपयों का था पर बाद में दूसरी नोटशीट तैयार की गई, जिसमें बिल 20 लाख का हो गया। इसमें जीएस चंदेल, केके दुबे और एसके गुप्ता की भूमिका की जांच होनी चाहिए। आपस में हुई तीखी नोक-झोंक| एक समय ऐसा भी आया जब श्री सक्सेना और संजय राठौर में जोरदार बहस होने लगी। इस दौरान अन्य पार्षदों ने समझाने का प्रयासकिया, पर वे नहीं माने और श्री सक्सेना सदन छोड़कर जाने लगे। तब उन्हें रोक लिया गया।
मैं राजनीति नहीं करती
पूर्व नेता प्रतिपक्ष के बार-बार उकसाने के बाद आखिरकार महापौर डॉ. श्रीमती स्वाति सदानन्द गोडबोले ने आज सदन को सम्बोधितकिया। उन्होंने कहाकि मैं राजनीति नहीं करती। मुझे पूरे 79 पार्षदों पर भरोसा है और संजय राठौर भी उनमें एक हैं। मेरे लिए क्या-क्या शब्द कहे गए मुझे सब याद है पर मैं अपमान का बदला अपमान से नहीं लेती।
Created On :   7 April 2018 12:44 PM IST