60 वर्ष से अधिक के पुरुष और 45 वर्ष से अधिक की महिला बंदियों की पैरोल पर करो विचार - हाईकोर्ट ने कहा- हाई पावर कमेटी जल्द करे कार्रवाई

Consider parole of male prisoners over 60 years and female prisoners over 45 years
60 वर्ष से अधिक के पुरुष और 45 वर्ष से अधिक की महिला बंदियों की पैरोल पर करो विचार - हाईकोर्ट ने कहा- हाई पावर कमेटी जल्द करे कार्रवाई
60 वर्ष से अधिक के पुरुष और 45 वर्ष से अधिक की महिला बंदियों की पैरोल पर करो विचार - हाईकोर्ट ने कहा- हाई पावर कमेटी जल्द करे कार्रवाई

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने हाई पावर कमेटी को निर्देश दिया है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए 60 वर्ष से अधिक के पुरुष और 45 वर्ष से अधिक की महिला बंदियों को आपात पैरोल पर रिहा करने पर विचार किया जाए। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिवीजन बैंच ने गर्भवती और अवयस्क बच्चों वाली महिलाओं की भी पैरोल पर विचार करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 17 मई को नियत की गई है। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कैंसर, हृदय रोग, किडनी रोग,  अस्थमा सहित गंभीर बीमारियों से पीडि़त बंदियों को पैरोल दिए जाने पर विचार किया जाए। इसके साथ ही 7 साल के अधिकतम साल वाले विचाराधीन बंदी भी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के समक्ष पैरोल के लिए आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। जेल में बंद ऐसे कैदी जो जुर्माना नहीं भरने के कारण बंद हैं, उन बंदियों का जुर्माना माफ कर उन्हें रिहा किया जाए। 
यह है मामला -सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में जेलों में क्षमता से अधिक कैदी होने के मामले में चिंता जाहिर की थी। इस मामले में सभी हाईकोर्ट को कदम उठाने का निर्देश दिया था। मप्र हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की है। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्पेन्द्र यादव और कोर्ट मित्र अधिवक्ता संकल्प कोचर ने पक्ष प्रस्तुत किया। 

Created On :   12 May 2021 11:26 AM GMT

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