शहडोल जिला अस्पताल में थम नहीं रहा मौतों का सिलसिला -दो और शिशुओं की मौत, अब तक 23 की गई जान

Continuation of deaths in Shahdol district hospital did not stop - death of two and infants
शहडोल जिला अस्पताल में थम नहीं रहा मौतों का सिलसिला -दो और शिशुओं की मौत, अब तक 23 की गई जान
शहडोल जिला अस्पताल में थम नहीं रहा मौतों का सिलसिला -दो और शिशुओं की मौत, अब तक 23 की गई जान

डिजिटल डेस्क शहडोल । जिला चिकित्सालय में रविवार को दो और शिशुओं की मौत हो गई। एक बच्ची की मौत का कारण फीडिंग के दौरान श्वास नली में दूध जाना बताया जा रहा है, जबकि दूसरी बच्ची की बुखार व सर्दी से पीडि़त होना बताया गया है। परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे तब तक मासूम की सांसें थम चुकी थीं। इन दो मौतों को मिलाकर 26-27 नवंबर की दरमियानी रात से अब तक जिला चिकित्सालय में 23 शिशुओं की जान जा चुकी है।  सिविल सर्जन डॉ. जीएस परिहार के अनुसार, रविवार दोपहर करीब 12 बजे उमरिया जिले के टिकुरी टोला (पाली) से चार माह की बच्ची सुहानी पिता किशन बैगा को जिला अस्पताल लाया गया था। चिकित्सकों ने जांच की तो उसकी सांसें थम चुकी थीं। चिकित्सकों ने पीआईसीयू में उसे रिवाइव करने की कोशिश की। एसएनसीयू व पीआईसीयू प्रभारी डॉ. निशांत प्रभाकर के अनुसार प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि बच्ची की मौत बुखार व सर्दी के कारण हुई है। मामला दिमागी बुखार का भी लग रहा है। बच्ची की हालत बेहद गंभीर होने के बाद परिजन उसे लेकर यहां आए थे।
बच्चे की श्वास नली में आया दूध 
जिला अस्पताल में रविवार दोपहर ही पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती चार माह की एक और बच्ची रीतू पिता रिंकू बैगा की भी मौत हो गई। रीतू को उमरिया के चननिया गांव से करीब 4 दिन पहले यहां इलाज के लिए लाया गया था। सिविल सर्जन ने कहा, इलाज पर रीतू स्वस्थ हो गई थी। सोमवार को उसे डिस्चार्ज किया जाना था। रविवार को दूध पिलाते समय रीतू की मां सो गई और फीडिंग करते-करते दूध बच्ची की श्वास नली में चला गया। जब मां की नींद खुली तो बच्ची की सांसें थम चुकी थीं। 
एसएनसीयू में भर्ती हैं 28 बच्चे 
जिला चिकित्सालय के एनएनसीयू में रविवार को कुल 28 बच्चे भर्ती थे। जबकि पीआईसीयू में 7 बच्चे भर्ती हैं। सभी का उपचार चल रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमले ने रविवार को 48 गांवों का सर्वे किया और 839 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान 76 बच्चों को उपचार योग्य पाया गया। दो बच्चों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। अधिकांश बीमार बच्चे शीत जनित बीमारियों से पीडि़त थे। 
 

Created On :   14 Dec 2020 1:46 PM IST

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