विवाद गहराया टकराव टालने बेलगाम नहीं जाएंगे महाराष्ट्र के मंत्री 

Controversy deepens Maharashtra minister will not go to Belgaum to avoid confrontation
विवाद गहराया टकराव टालने बेलगाम नहीं जाएंगे महाराष्ट्र के मंत्री 
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद गहराया टकराव टालने बेलगाम नहीं जाएंगे महाराष्ट्र के मंत्री 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसंवराज बोम्मई की चेतावनी के बाद शिंदे सरकार के दो मंत्रियों का 6 दिसंबर को प्रस्तावित कर्नाटक के बेलगाम दौरा रद्द होने की संभावना है। राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील और प्रदेश के उत्पादन शुल्क मंत्री शंभुराज देसाई ने महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर बेलगाम का दौरे करने की घोषणा की थी।राज्य के दो मंत्रियों के बेलगाम में न जाने को लेकर विपक्ष शिंदे सरकार पर हमलावर हो गया है।वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्रीबोम्मईकी भूमिका को लेकर महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा और शिंदे गुट के मंत्रियों का रूख भी बंटा हुआ नजर आ रही है। 

सोमवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीसने कहा कि राज्य के दोनों मंत्री महापरिनिर्वाण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बेलगाम में जाने वाले थे। यदि दोनों मंत्रियों ने तय किया है तो उन्हें बेलगाम में जाने से कोई रोक नहीं सकता है। परंतु महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर उनके दौरे से विवाद पैदा हो सकता है। इसलिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मंत्रियों के दौरे को लेकर अंतिम फैसला करेंगे। मगर सरकार की प्राथमिक भूमिका है कि महापरिनिर्वाण पर आंदोलन और कोई घटना न हो जाए। यह उचित नहीं होगा। बेलगाम में आने वाले दिनों में भी जाया जा सकता है। हमें किसी का डर नहीं है। फडणवीस ने कहा कि सीमा विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। इसलिए दोनों राज्यों को विवाद करने से कोई मतलब नहीं है। 

इस बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्रीबोम्मई ने हुबली में कहा कि मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से कहूंगा कि वे अपने मंत्रियों को बेलगाम में न भेंजे। क्योंकि उनके दौरे से सीमावर्ती इलाकों में कानून व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। कर्नाटक के मुख्यमंत्रीबोम्मई के इस बयान का भाजपा के वरिष्ठ वेता व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने उनका बचाव किया है। कोल्हापुर में पाटील ने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक दोनों प्रदेशों में भाजपा की सरकार है। पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई वहां की जनता की भावना व्यक्त कर रहे हैं। इसलिए इसे इस बात सो जोड़ना गलत होगा कि दोनों प्रदेशों में भाजपा की सरकार है। पाटील ने कहा कि हम लोग भाजपा के नेतृत्व से दोनों प्रदेशों की साथ में बैठक करने का आग्रह करेंगे। पाटील ने कहा कि दोनों प्रदेशों के मुख्य सचिवों के बीच चर्चा हुई है। मैं भी कर्नाटक के मुख्यमंत्रीबोम्मई को पत्र लिखकर महाराष्ट्र सरकार की भूमिका स्पष्ट करूंगा। मैं उन्हें बताऊंगा कि हम लोग कर्नाटक के बेलगाम में विवाद पैदा करने नहीं जा रहे हैं। 

कर्नाटक सरकार को देंगे करारा जवाबः शंभूराज देसाई 

जबकि शिंदे गुट के मंत्री देसाई ने कहा कि यदि कर्नाटक के मुख्यमंत्रीबोम्मई हमें पैर रखने की चेतावनी दे रहे हैं तो हम लोग चुप नहीं बैठेंगे। हम लोग कर्नाटक सरकार को जैसे का तैसा उत्तर देंगे। देसाई ने कहा कि हमने कर्नाटक सरकार को औपचारिक रूप से अभी तक बताया नहीं है कि हमारा दौरा रद्द हो गया है। हमारे दौरे को लेकर मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस अंतिम फैसला लेंगे। 

वहीं शिंदे गुट के प्रवक्ता तथा प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई की शिकायत केंद्र सरकार से की जानी चाहिए। कर्नाटक सरकार के मंत्री महाराष्ट्र में आने के बाद उनका स्वागत होता है। लेकिन यदि कर्नाटक सरकार को वित्तीय राजधानी मुंबई से नाता तोड़ना है तो यह उनका फैसला होगा।

मांगे मनवाने पड़ोसी राज्य में शामिल होने का फैशन

इस बीच नाशिक के सुरगाणा तहसील के गांव वालों की गुजरात में शामिल होने की मांग पर केसरकर ने कहा कि यह एक फैशन बन गया है। गांव वाले अपनी मांगों को मनवाने के लिए इस तरह का रुख अपनाते हैं। लेकिन ऐसे लोग केवल एक प्रतिशत से भी कम होते हैं। अपनी मांगों को मनवाने के लिए दूसरे प्रदेश में शामिल होने की चेतावनी देना महाराष्ट्र का अपमान है। 

महाराष्ट्र के मंत्री के सामने सांगली के ग्रामीणों ने कहा हम कर्नाटक में शामिल होना चाहते हैं

इस बीच सोमवार को प्रदेश के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने सांगली के जत तहसील का दौरा किया। सामंत के सामने गांव के लोगों ने कहा कि हम लोग कर्नाटक में शामिल होना चाहते हैं। इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई ने जत तहसील के सीमावर्ती गांवों पर कर्नाटक का दावा किया था। 

कम से कम सीमा तक तो जाते मंत्रीः राऊत 

दूसरी ओर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राऊत ने कहा कि दोनों मंत्रियों को कम से कम महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा को छुकर आना चाहिए। लेकिन शिंदे सरकार में हिम्मत नहीं है। शिंदे सरकार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई के खिलाफ कोई ठोस भूमिका नहीं ले सकती है। जबकि विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि दौरे की घोषणा करने के बावजूद मंत्री बेलगाम में नहीं जा रहे हैं। शिंदे सरकार डरपोक है। जबकि राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाईड क्रेस्टो ने कहा कि शिंदे सरकार के मंत्रियों का बेलगाम दौरा रद्द होना यह बताता है कि शिंदे सरकार किस तरह कर्नाटक सरकार के दबाव में हैं। उन्होंने कहा कि पहले घोषणा कर अब शिंदे सरकार यू टर्न क्यों ले रही है। 

 

Created On :   5 Dec 2022 8:55 PM IST

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