उद्यान को टीपू सुल्तान का नाम देने के प्रस्ताव पर छिड़ा विवाद

Controversy erupted over proposal to name the park as Tipu Sultan
उद्यान को टीपू सुल्तान का नाम देने के प्रस्ताव पर छिड़ा विवाद
उद्यान को टीपू सुल्तान का नाम देने के प्रस्ताव पर छिड़ा विवाद

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर के गोवंडी इलाके में एक उद्यान का नाम मैसूर के शासक रहे टीपू सुल्तान के नाम पर रखने के प्रस्ताव को लेकर विवाद शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी की नगरसेवक रुखसाना सिद्दीकी ने यह प्रस्ताव रखा है लेकिन हिंदूवादी संगठन हिंदू जन जागृति समिति ने इसका विरोध किया है। भारतीय जनता पार्टी के नगरसेवक भी इस प्रस्ताव के खिलाफ है। गुरूवार को शिवसेना की अगुआई वाली बाजार एवं उद्यान समिति से सामने यह प्रस्ताव पेश हुआ था लेकिन विवाद के बाद उद्यान का काम अभी पूरा न होने का हवाला देकर नाम पर फैसला टाल दिया गया।

प्रस्ताव की विरोध कर रही हिंदू जनजागृति समिति के प्रवक्ता डॉ उदय धुरी ने कहा कि इस मुद्दे पर मुंबई की महापौर किशोरी पेडणेकर से मुलाकात की गई है और हिंदुओं पर अत्याचार करने वाले क्रूर टीपू सुल्तान का नाम मुंबई के उद्यान को देने का विरोध किया है। धुरी ने कहा कि टीपू सुल्तान ने देश के लिए नहीं बल्कि अपना राज्य बचाने के लिए अंग्रेजों से लड़ाई की। पुराने पत्रों से साफ है कि उसने तलवार के जोर पर लाखों हिंदुओं का धर्मांतरण किया। दक्षिण भारत में एक हजार से ज्यादा मंदिर तोड़े। ऐसे क्रूर सुल्तान का महिमा मंडन हम बर्दास्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर यह प्रथा शुरू हुई तो दूसरे उद्यानों को भी अत्याचारी मुगल शासकों के नाम दिए जाने लगेंगे। उन्होंने कहा कि टीपू सुल्तान का मुंबई और महाराष्ट्र के लिए क्या योगदान है।

देश के लिए अंग्रेजों से लड़े टीपू सुल्तान-सिद्दीकी

उद्यान को टीपू सुल्तान का नाम देने का प्रस्ताव रखने वाली समाजवादी पार्टी की नगरसेवक रुखसाना सिद्दीकी ने कहा कि टीपू सुल्तान को मैसूर का शेर कहा जाता है उन्होंने 15 साल की उम्र से ही देश के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। मुंबई और महाराष्ट्र भी देश का हिस्सा हैं। इसलिए देश के लिए लड़ाई क्या यहां के लिए योगदान नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग चुनावी राजनीति के लिए हर मामले को हिंदू-मुसलमान से जोड़ देते हैं। नियमों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अपने इलाके में बन रहे उद्यान को नाम देना उनका अधिकार है। जो लोग टीपू सुल्तान के नाम का विरोध कर रहे हैं उन्हें इतिहास की समझ नहीं है। टीपू सुल्तान के नाम से स्थानीय लोगों को प्रेरणा मिलेगी। 

 

Created On :   15 July 2021 8:49 PM IST

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