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कोरोना को माना जा सकता है विशेष परिस्थिति, बीएमसी के वार्ड परिसीमन के खिलाफ दायर हुई है जनहित याचिका
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि कोरोना महामारी को विशेष परिस्थिति माना जा सकता है और म्यूनिसिपल वार्ड के परिसीमन की अधिसूचना 6 माह पहले जारी करने की अनिवार्यता में छूट दी जा सकती है। न्यायमूर्ति एए सैय्यद व न्यायमूर्ति अभय अहूजा की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही।
याचिका में मुख्य रुप से मुंबई महानगर पालिका के भावी चुनाव से पहले बढाई गई वार्डों की संख्या को लेकर मनपा आयुक्त आय.एस चहल की ओर से 1 फरवरी 2022 को जारी अधिसूचना को चुनौती दी गई है। इससे पहले राज्य सरकार ने मनपा के वार्डों की संख्या 227 से 236 किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इस मामले को लेकर भाजपा नेता नितेश राजहंस सिंह व मनसे नेता सागर देवरे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में मनपा आयुक्त की ओर से जारी अधिसूचना की वैधता को चुनौती दी गई है। और इसे रद्द करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने कहा कि मनपा के नगरसेवकों का कार्यकाल मार्च 2022 में समाप्त हो रहा है। नगरसेवकों का कार्यकाल खत्म होने के 6 माह के भीतर परिसिमन की नोटिस नहीं जारी की जा सकती है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि कोरोना महामारी को विशेष परिस्थिति के रुप में माना जा सकता है। इसलिए इस बारे में छूट दी जा सकता है। खंडपीठ ने मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई रखी है और अगली सुनवाई के दौरान राज्य चुनाव आयोग के वकील को उपस्थित रहने को कहा है।
Created On :   14 Feb 2022 9:00 PM IST