कोरोना : साधारण सर्दी-जुकाम से भी लोगों में दहशत

Coronavirus people are panic due to common cold
कोरोना : साधारण सर्दी-जुकाम से भी लोगों में दहशत
कोरोना : साधारण सर्दी-जुकाम से भी लोगों में दहशत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले में कोरोना कितना असर कर रहा यह तो अभी पता नहीं, लेकिन कोरोना के डर से शहरवासी दहशत में आ गए हैं। जिले की आबादी करीब 50 लाख है और अब तक केवल 4 रोगी ही कोरोना पाॅजिटिव पाए गए हैं। दहशत इतनी हावी हो गई कि शहर के लोग कोरोना का डर महसूस कर रहा है। जिलाधीश कार्यालय में बने कंट्रोल रूम में लगातार सर्दी, खांसी और बुखार होने के कॉल आ रहे हैं। सर्दी, खांसी होना सामान्य बात है, लेकिन लोगों पर कोरोना का डर असर कर गया है।

कोरोना की रोकथाम व जनजागृति के लिए जिलाधीश कार्यालय में बने कंट्रोल रूम में सोमवार शाम तक 130 कॉल आए थे। हर व्यक्ति सर्दी, खांसी की ही बात कर रहा है। विदेश यात्रा, विदेश से लौटे दोस्त या परिजन के संपर्क में आने, कोरोना संदिग्ध या कोरोना पाॅजिटिव के संपर्क में आने जैसे सवाल करने पर जवाब न मिलता है। लेकिन दहशत ऐसे बनी है कि सर्दी, खांसी का मर्ज बताकर कोरोना के लक्षण व उसके उपाय पर ही चर्चा करना शुरू करते हैं। सर्दी, खांसी, बुखार, चक्कर आना, जोड़ों में दर्द होना कोरोना का लक्षण हो सकता है, लेकिन मामूली सर्दी, खांसी को कई लोग कोरोना संदिग्ध समझ रहे हैं। कंट्रोल रूम से इन लोगों को उचित सलाह दी जा रही है। मेयो व मेडिकल अस्पताल में बने विशेष वार्ड में जांच पड़ताल करने की भी सलाह दी जा रही है। 

नो रिस्क की ज्यादा एंट्री 
कंट्रोल रूम में आने वाले कॉल को नो रिस्क, लो रिस्क व हाई रिस्क ऐसी तीन श्रेणियों में बांटा है। 0712-2562668 (कंट्रोल रूम)  पर आने वाले काॅल के बाद संबंधित व्यक्ति का नाम, पता, मोबाइल नंबर, बीमारी के लक्षण, विदेश यात्रा, विदेश से लौटे लोगों के संपर्क में आने जैसी कई बातें पूछी जाती है आैर उसके बाद संबंधित को किसी एक श्रेणी में डाला जाता है। नो रिस्क आैर लो रिस्क की ही एंट्री सबसे ज्यादा हुई है। नो रिस्क व लो रिस्क वालों को कोई खतरा नहीं, लेकिन इनका मोरल भयंकर डाउन हुआ है। कोरोना का डर जबरदस्त दहशत मचा रहा है। 

कैंटीन संचालक ने कहा- मुफ्त में खिलाया खाना विधायक निवास में कोरेन टाइन  किए गए लोगों को विधायक निवास परिसर स्थित कैंटीन से चाय, नाश्ता, लंच, डिनर व पानी की बाटल की व्यवस्था की गई है। सुबह 8.30 बजे चाय के साथ नाश्ता, सुबह 11 बजे फिर चाय, दोपहर 1.30 बजे लंच, शाम 5 बजे चाय के साथ नाश्ता व रात 8 बजे डिनर दिया जा रहा है। एक व्यक्ति को तीन लीटर की पानी की बाटल दी जा रही है। अब टीवी व कैरम बोर्ड की भी व्यवस्था की जाएगी। कैंटीन संचालक तपन डे ने बताया कि जिलाधीश रवींद्र ठाकरे के आदेश पर इन लोगों को चाय, नाश्ता, लंच डिनर व पानी मुहैया किया जा रहा है। पहले दिन तीन, दूसरे दिन कोई नहीं आैर तीसरे दिन (सोमवार) 6 लोग यहां आए हैं। चाय, नाश्ता, भोजन व पानी का पैसा नहीं मिल रहा, लेकिन कोरोना रोकथाम के लिए हम मुफ्त में व्यवस्था कर रहे हैं। 

पुलिस के लिए सैनिटाइजर नहीं 
विधायक निवास में बने कोरेन टाइन में रखे लोगों की सुरक्षा में जो पुलिस कर्मी तैनात है, उनके लिए मास्क या सैनिटाइजर की भी व्यवस्था नहीं की गई। फिलहाल 500 एमएल हैंड सैनिटाइजर का मूल्य 500 रुपए है। पुलिस कर्मी बगैर मास्क के यहां तैनात हैं। स्वास्थ्य विभाग ने भी इन्हें मास्क या सैनिटाइजर देने का कष्ट नहीं किया। पुलिस कर्मी रूमाल से मुंह ढंक रहे हैं। अच्छी बात यह है कि कैंटीन संचालक ने खुद इनके  लिए लंच की व्यवस्था कर दी है।

ऐसे होती है जांच
सबसे पहले स्वाब स्टिक से गले का सैंपल (थूंक) लिया जाता है। इस स्वाब स्टिक को ट्रांसफर मीडिया में रखा जाता है, जिसमें रखकर उसे लैब तक पहुंचाया जाता है। यह सैंपल लैब में आने के बाद प्रक्रिया करने के लिए घुमाया जाता है और उसमें कैमिकल को मिलाए जाते हैं। इस प्रक्रिया से  वायरस के अंदर का जेनेरिक मटेरियल अलग कर लेते हैं। इससे संक्रमित या सामान्य जो भी मिलता है उस पर  पीसीआर मशीन से प्रक्रिया की जाती है। यहां प्रीमियर में मिलाने के बाद यदि संक्रमित होता है तो वह ऊपर निकलकर आ जाएगा और नहीं होता है तो वह वैसा ही बना रहता है।

Created On :   17 March 2020 1:58 PM IST

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