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निगमायुक्त ने सुनीं पॉजिटिव और संदिग्ध मृतकों का अंतिम संस्कार करने वाले कर्मियों की समस्या
डिजिटल डेस्क जबलपुर । उन डॉक्टरों से बढ़कर कोई नहीं हो सकता जो कोरोना के मरीजों का लगातार उपचार कर रहे हैं, मेडिकल स्टाफ भी उन्हीं की श्रेणी में आता है, लेकिन कोरोना ग्रसित मरीज की जब मृत्यु होती है और उनके परिजन भी उन्हें छूने से कतराते हैं, ऐसे में सामने आते हैं नगर निगम के कर्मचारी जो लगातार 8 माह से ये काम कर रहे हैं। अब तो रोजाना ये कर्मचारी 25 से अधिक अंतिम संस्कार कर रहे हैं। इसके बाद भी अभी तक किसी ने भी इनकी सुध नहीं ली थी, लेकिन बुधवार को इन्हें मुख्यालय बुलाकर सम्मानित किया गया और निगमायुक्त ने इनकी समस्याएँ सुनीं और तत्काल उनका निराकरण भी किया। इस मौके पर निगमायुक्त ने कहा कि ये हमारे फ्रंट लाइन वर्कर हैं जो रोज खतरा उठाते हैं। नगर निगम के करीब 60 कर्मचारियों को कोरोना पीडि़त और कोरोना सस्पेक्टेड मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए लगाया गया है। ये कर्मचारी रोजाना सुबह निकलते हैं और देर रात घर पहुँचते हैं। कई कर्मचारी पिछले डेढ़ माह से घर से अलग रह रहे हैं या फिर घर में ही एक तरह से अजनबियों जैसा जीवन बिता रहे हैं, ताकि उनका परिवार सुरक्षित रह सके। इन कर्मचारियों की कई समस्याएँ थीं लेकिन निगम के किसी भी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया। निगमायुक्त संदीप जीआर ने मानवता दिखाई और इन सभी कर्मचारियों को बुलाकर सम्मानित किया ।
और उनकी समस्याओं को भी स्वास्थ्य अधिकारी भूपेन्द्र सिंह के जरिए हल करवाया गया।
शहर के बाहर भी जा रही टीम-
स्वास्थ्य अधिकारी भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि पहले तो निगम की टीम शहर के अंदर ही कार्य करती थी, लेकिन अब आर्मी अस्पताल, सुखसागर हॉस्पिटल और खमरिया अस्पताल से भी शव लेकर आती है। ऐसे में अंतिम संस्कार करने में काफी समय भी लग जाता है। आपने बताया कि इन दिनों रोजाना 30-40 शवों का अंतिम संस्कार निगम की टीम कर रही है।
खाना-पानी समय पर मिलता रहे-
इस कार्य में जुटे कर्मचारियों ने अधिकारियों से कहा कि सभी कर्मचारियों को समय पर दोपहर का भोजन मिलना चाहिए क्योंकि सभी सुबह जल्दी आ जाते हैं और घर जाने में तो आधी रात हो ही जाती है। इसके साथ ही पीपीई किट, बॉडी बैग्स आदि भी अतिरक्त मिलने चाहिए।
ये हैं निगम के फ्रंट लाइन वर्कर
निगमायुक्त से मिलने पहुँचे कर्मचारियों में मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक प्रीतेश मसोडकर, स्वास्थ्य निरीक्षक कोडिया यादव, स्वास्थ्य निरीक्षक मनोज रजक, सुपरवाइजर गुड्डू, भीम, अप्पाराव, वेंकट, पाठक, नारायण, शकील, लक्ष्मण, संजु पटेल, कृष्णा, अप्पाल स्वामी, कवींद्र पाठक, संतोष उमाशंकर, आकाश रमेश, मो. शकील, निसार, राजकुमार, अनिल, शारदा, सुरेंद्र और इमरत आदि शामिल थे।फोरम पदाधिकारियों ने मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी से माँग की है कि बिजली कंपनी के रामपुर स्थित अस्पताल को खुलवाकर इसे सुविधायुक्त बनाकर यहाँ इलाज प्रारंभ कराया जाए।
Created On :   22 April 2021 4:09 PM IST