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25 लाख में बिकने को तैयार हैं नगरसेवक, भिवंडी मनपा चुनाव में भ्रष्टाचार का आरोप
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आगामी 5 दिसंबर को होने वाले भिवंडी -निजामपुरा महानगरपालिका के महापौर पद के चुनाव लिए नगरसेवक 25-25 लाख रुपए में बिकने को तैयार हैं। नगरसेवक पार्टी का व्हिप भी मानने को तैयार नहीं है। यह बात समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विधायक अबु आसिम आज़मी ने कही है। आजमी ने आरोप लगाया कि है कि यहां के नगरसेवक 25-25 लाख रुपए में अपनी दलीय निष्ठा बदलने के लिए तैयार हैं। ये नगरसेवक पार्टी के निर्देश को धता बता कर मनमानी कर रहे हैं। इतना ही नहीं नगरसेवक पार्टी के व्हिप को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। आजमी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो , सीबीआई और ईडी से अपील की है कि मामले को संज्ञान में लें और 5 दिसंबर को होने वाले चुनाव में भ्रष्टाचार रोके। आजमी ने आगे कहा है कि भ्रष्टाचार के चलते भिवंडी पूरी तरह से बर्बादी के कगार पर है। इस पर तत्काल अंकुश लगाना जरुरी है। आजमी ने कहा कि आम आदमी विकास के नाम पर वोट देता है, लेकिन उनके चुने हुए जनप्रतिनिधि भ्रष्टाचार कर रहे है। यह बेहद गंभीर मसला है जिस पर सरकार को कठोर कदम उठाना चाहिए।
क्या है मामला
भिवंडी-निजामपुर महानगर पालिका में कुल 90 नगरसेवक हैं और 47 नगरसेवकों वाली कांग्रेस को यहां स्पष्ट बहुमत है। पिछले चुनावों में भी कांग्रेस को अपने नगरसेवकों के पाला बदलने का डर था इसीलिए उसने शिवसेना से समझौता कर लिया था। शिवसेना के 12 नगरसेवकों का समर्थन हासिल कर कांग्रेस ने उसे उप महापौर पद दे दिया था। साथ ही स्टैंडिग कमेटी और विभिन्न समितियों को लेकर भी एक–एक साल की अध्यक्षता को लेकर समझौता हुआ था। शिवसेना अगले ढाई सालों के लिए महापौर पद मांग रही थी लेकिन कांग्रेस ने इससे साफ इनकार करते हुए पहले हुए समझौते को जारी रहने की बात कही है। कांग्रेस ने इस बार रिषिका राका को महापौर पद के लिए उतारा है जबकि 19 नगरसेवकों वाली भाजपा का 4 नगरसेवकों वाली कोणार्क विकास आघाड़ी के साथ समझौता है। भाजपा-कोणार्क आघाड़ी की ओर से पूर्व महापौर प्रतिभा पाटील मेयर पद के लिए मैदान में हैं। इसी बीच भिवंडी मनपा में खरीद फरोख्त का बाजार गर्म है और कांग्रेस के 12 नगरसेवकों के विरोधी खेमे से मिलने की अटकलें लग रहीं हैं। कांग्रेस पार्टी की ओर से सलीम अंसारी ने व्हिप जारी करते हुए पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ वोट देने वाले या तटस्थ रहने वाले नगरसेवकों का पद रद्द करने की चेतावनी दी है। वहीं समाजवादी पार्टी के भी दोनों नगरसेवकों पर आजमी का बस नहीं चल रहा है और उन्हें डर है कि दोनों भाजपा के खेमे में जा सकते हैं। यहां आरपीआई (एकतावादी) के चार और दो निर्दलीय नगरसेवक हैं।
Created On :   3 Dec 2019 8:03 PM IST