सहायक आबकारी आयुक्त के खिलाफ ईओडब्ल्यू में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज

Corruption case registered against Assistant Excise Commissioner in EOW
सहायक आबकारी आयुक्त के खिलाफ ईओडब्ल्यू में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज
सहायक आबकारी आयुक्त के खिलाफ ईओडब्ल्यू में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज

ठेकेदारों को फायदा पहुँचाने दबाई सीएसडी केंटीन के शराब लाइसेंस की फाइल, शासन को 3 करोड़ की चपत 
डिजिटल डेस्क  जबलपुर ।
मप्र व छग में सेना के लिए शराब सप्लाई करने के लिए दिए जाने वाले लाइसेंस को रिन्यू करने संबंधी फाइल को दबाकर शराब ठेकेदारों को लाभ पहुँचाने के मामले में ईओडब्ल्यू द्वारा सहायक आबकारी आयुक्त जबलपुर सत्यनारायण दुबे व आबकारी विभाग के क्लर्क विवेक उपाध्याय के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। जानकारों के अनुसार समय पर लाइसेंस जारी नहीं होने से शासन को करीब 3 करोड़ की राजस्व क्षति हुई वहीं शहर शराब ठेकेदारों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुँचाने का कार्य किया गया है। 
इस संबंध में ईओडब्ल्यू डीएसपी मंजीत सिंह ने बताया कि आबकारी विभाग द्वारा सीएसडी केंटीन से शराब बिक्री के लिए प्रतिवर्ष 31 मार्च तक एफएल-6 लाइसेंस व केंटीन से मप्र और छग की केंटीनों में शराब परिवहन के लिए एफएल-7 लाइसेंस जारी किया जाता है। वर्ष 2018-19 के लिए भी यह लाइसेंस जारी किया जाना था। इसके लिए सीएसडी केंटीन जबलपुर के प्रबंधक द्वारा 13 मार्च 2018 को लाइसेंस रिन्यू करने कलेक्टर को पत्र जारी किया गया था और लाइसेंस रिन्यू की प्रक्रिया सहायक आबकारी आयुक्त सत्यनारायण दुबे व विभाग के क्लर्क विवेक उपाध्याय के माध्यम से कलेक्टर के माध्यम से कराई जानी थी लेकिन इन दोनों ने आवेदन की फाइल दबा ली जिससे सीएसडी को 1 अप्रैल से नया लाइसेंस जारी नहीं हो सका। यह लाइसेंस 1 माह 16 दिन बाद जारी हो सका था। इस मामले में सीएसडी प्रबंधक द्वारा कलेक्टर व प्रदेश सरकार से शिकायत की गयी थी।   प्रारंभिक जाँच में इससे प्रदेश शासन को करीब 3 करोड़ की राजस्व क्षति होने का अनुमान बताया जा रहा है इसी आधार पर ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।    
90 लाख की राशि निरंक 
ईओडब्ल्यू जाँच में इस बात का खुलासा हुआ कि वर्ष 2017 में सीएसडी में शराब देने से प्रदेश शासन को 90 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ था जो कि वर्ष 2018 में निरंक था। इस आँकड़े के मुताबिक जबलपुर जिले अकेले से शासन को 90 लाख के कर का नुकसान हुआ वहीं प्रदेश के अन्य शहरों को मिलाकर करीब 3 करोड़ की क्षति होने का अनुमान है। यह राशि और अधिक भी हो सकती है। यह कार्य शराब ठेकेदारों को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा पहुँचाने की नीयत से किया जाना पाया गया है। 
कहाँ-कहाँ होती है सप्लाई 
जानकारों के अनुसार सीएसडी केंटीन से सेना के लिए जबलपुर के अलावा ग्वालियर, छतरपुर, सागर, भोपाल, इंदौर, होशंगाबाद और छग के जिलों में शराब की सप्लाई की जाती है लेकिन लाइसेंस समय पर जारी न होने के कारण इन जिलो में केंटीन से शराब की सप्लाई नहीं हो सकी। 

Created On :   28 July 2021 3:17 PM IST

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