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माशिमं पर 10 हजार रुपए की कॉस्ट, छात्र को दो हफ्ते में संशोधित अंकसूची देने का आदेश

डिजिटल डेस्क जबलपुर । हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल पर 10 हजार रुपए की कॉस्ट लगाते हुए दसवीं के छात्र को दो सप्ताह में संशोधित अंक सूची देने का आदेश दिया है। जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकल पीठ ने माशिमं के रवैए पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि पूर्व आदेश के बाद भी छात्र को अंकसूची नहीं दी गई।
आदेश के बाद भी माशिमं ने छात्र को संशोधित अंक सूची नहीं दी
बड़ी खेरमाई बढ़ई मोहल्ला जबलपुर निवासी छात्र हर्ष गायकवाड़ की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि वह जेएम फाउंडेशन का छात्र है। उसने वर्ष 2019 में दसवीं की परीक्षा दी थी। उसे गणित विषय में 23 अंक मिले थे, जो उसकी अपेक्षा से कम थे। उसने पुर्नगणना के लिए आवेदन दिया, लेकिन परिणाम नो चेंज आ गया। उसने सूचना के अधिकार के तहत माशिमं से गणित की उत्तरपुस्तिका निकलवाई। उत्तर पुस्तिका में उसे 28 अंक दिए गए थे। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने पिछली सुनवाई में माशिमं को छात्र को संशोधित अंक सूची देने का आदेश दिया था। आदेश के बाद भी माशिमं ने छात्र को संशोधित अंक सूची नहीं दी। अधिवक्ता मनोज चतुर्वेदी ने एकल पीठ को बताया कि आदेश के बाद भी माशिमं ने छात्र को संशोधित अंक सूची नहीं दी है। इस रवैए पर नाराजगी जाहिर करते हुए एकल पीठ ने माशिमं पर 10 हजार रुपए की कॉस्ट लगाते हुए छात्र को दो सप्ताह में संशोधित अंक सूची देने का आदेश दिया है।
Created On :   13 Sept 2019 2:39 PM IST