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आपराधिक प्रकरणों में जनहित याचिका दायर करने पर एक लाख रुपए की कॉस्ट
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जनहित याचिका का दुरुपयोग करने पर प्राइवेट पैरामेडिकल कॉलेज वेलफेयर एसोसिएशन पर एक लाख रुपए की कॉस्ट लगाई है। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ एवं जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव की खंडपीठ ने कहा िक जिन मामलों को जनहित के माध्यम से उठाया गया है, वो आपराधिक प्रकरण है। इसलिए ऐसे मामलों में जनहित याचिका दायर नहीं की जा सकती। कोर्ट ने याचिका खारिज कर याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगा दिया।
दरअसल, एसोसिएशन ने याचिका दायर कर बताया िक प्रदेश के पैरामेडिकल महाविद्यालयों में आरक्षित वर्ग के छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति वितरण में भारी अनियमितताएँ हुई हैं। कई कॉलेजों में पात्र छात्रों की जगह अपात्रों को छात्रवृत्ति दी गई। कई जगह एक छात्र को कई कॉलेजों के नाम पर छात्रवृत्ति जारी की गई। इन मामलों में लोकायुक्त ने कॉलेज संचालकों और प्रशासकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज िकए हैं। याचिका में दलील दी गई िक इसमें कॉलेजों का कोई रोल नहीं है, यह सब विभागीय स्तर पर हुआ है। यह तर्क भी दिया गया िक यदि महाविद्यालयों को अतिरिक्त फंड जारी हो गया है, तो वे उसे वापस करने भी तैयार हैं। माँग की गई िक कॉलेज संचालकों के खिलाफ प्रकरण खारिज किए जाएँ।
वहीं दूसरी ओर लोकायुक्त की ओर से अधिवक्ता अभिजीत अवस्थी ने कोर्ट को बताया िक पूरे प्रदेश में 2014-15 के बाद से अब तक छात्रवृत्ति घोटाले में कॉलेजों के खिलाफ 97 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें से कुछ मामलों में कोर्ट में चार्जशीट भी पेश हो चुकी है। उन्होंने दलील दी िक ये सभी आपराधिक प्रकरण हैं, ऐसे में इन्हें पीआईएल के तहत चुनौती नहीं दी जा सकती।
Created On :   29 March 2022 10:45 PM IST