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अदालत नाराज - मंत्री नवाब मलिक को कारण बताओं नोटिस
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने मंत्री मलिक को यह नोटिस नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व अधिकारी समीर वानखेडे के पिता ज्ञानदेव की ओर से दायर न्यायालय की अवमानना याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किया है। इस दौरान कोर्ट ने पूछा कि आखिर मंत्री मलिक सार्वजनिक रुप से एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेडे के जाति प्रमाणपत्र पर बात क्यों कर रहे हैं और उसे अवैध क्यों बता रहे हैं। जबकि जाति पड़ताल से जुड़ी कमेटी का इस विषय पर निर्णय लेना बाकी है। यदि जाति प्रमाणपत्र पर कोई फैसला नहीं हुआ है तो आप (मलिक) उसे फर्जी कैसे कह सकते है। आखिर आप क्या करना चहाते है। आप लगातार उनका (समीर वानखेडे) नाम ले रहे हैं। यह आप की ओर से कोर्ट को दिए गए आश्वासन के दायरे में नजर नही आता है।
याचिका में दावा किया गया है कि मंत्री मलिक ने दिसंबर 2021 को कोर्ट को आश्वासन दिया था कि वे मेरे (ज्ञानदेव) व मेरे परिवार के खिलाफ मीडिया व सोशल मीडिया में कोई बयान नहीं देगे लेकिन मंत्री मलिक अपने इस आश्वासन पर कायम नहीं हैं। उनका मेरे परिवार के खिलाफ बयान देना जारी है।
मंगलवार को न्यायमूर्ति एसजे काथावाला की खंडपीठ के सामने ज्ञानदेव की याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान ज्ञानदेव की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता बीरेंद्र श्राफ ने खंडपीठ के सामने अपने मुवक्किल को लेकर मंत्री मलिक की ओर से जनवरी 2022 में की गई प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान दिए गए बयानों की ट्रांसक्रिप्ट पेश की। जिसमें श्री श्राफ ने दावा किया कि मंत्री ने मेरे मुवक्किल के जाति प्रमाणपत्र को लेकर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि मंत्री मलिक ने मेरे मुवक्किल के संबंध में जो टिप्पणी की है वह उन्हें कोर्ट से दी गई छूट के दायरे में नहीं आती है।
हालांकि मलिक ने हलफनामा दायर कर कहा है कि उन्होंने जो बयान दिया है वह उन्हें कोर्ट की ओर से दी गई छूट के अंतर्गत आता है। श्री श्राफ ने कहा कि मंत्री मलिक से पूछा जाना चाहिए की उनका बयान कैसे कोर्ट की ओर से दी गई छूट के दायरे में आता है। वहीं मंत्री मलिक के वकील कार्ल तंबोली ने कहा कि मेरे मुवक्किल ने प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेडे का नाम नहीं लिया है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि यदि ऐसा है तो मंत्री खुद अपनी ट्रांसक्रिप्ट पेश करें। इसलिए हम कोर्ट प्रशासन (रजिस्ट्री) को निर्देश देते हैं कि वह मलिक को कारण बताओं नोटिस जारी करे और 21 फरवरी तक मंत्री मलिक याचिका पर जवाब दे।
Created On :   8 Feb 2022 8:22 PM IST