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सहकारी बैंक घोटाले से जुड़े मुकदमे के स्थानांतरण के लिए कोर्ट ने मंगाई रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई सत्र न्यायालय ने महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में हुए 25 हजार करोड़ रुपए के कथित घोटाले को लेकर मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की क्लोजर रिपोर्ट के विरोध में दायर याचिकाओं की सुनवाई दूसरे न्यायाधीश के सामने स्थानांतरित किए जाने की मांग को लेकर दायर आवेदन पर रिपोर्ट मंगाई गई है। कोर्ट ने इस रिपोर्ट को गोपनीय रखने का निर्देश दिया है। यह रिपोर्ट उस कोर्ट से मंगाई गई है जो ईओडब्ल्यू की क्लोज़र रिपोर्ट के विरोध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। बुधवार को विशेष न्यायाधीश ए टी वानखेड़े ने याचिकाकर्ता माणिक जाधव की ओर से दायर आवेदन पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया है।न्यायाधीश ए सी डागा ईओडब्ल्यू की क्लोज़र रिपोर्ट से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं। जिन पर याचिकाकर्ता जाधव ने निष्पक्षता से मामले की सुनवाई न करने का आरोप लगाया है।
वहीं अभियोजन पक्ष ने दावा किया है कि जाधव ने न्यायाधीश डागा पर निराधार आरोप लगाए हैं। वे बचाव पक्ष को अपनी बात रखने के लिए पर्याप्त समय दे रहे हैं। इसके अलावा श्री जाधव इस मामले में मूलशिकायतकर्ता नहीं हैं। इसलिए उन्हें इस तरह का आवेदन दायर करने का अधिकार नहीं है। मामले के मूल शिकायतकर्ता सुरेंद्र मोहन अरोड़ा हैं। इन्होंने आवेदन नहीं किया है। इसलिए जाधव के आवेदन पर सुनवाई न की जाए। आवेदन में जाधव ने दावा किया है कि न्यायाधीश डागा मामले की सुनवाई में जल्दबाजी दिखा रहे हैं।आवेदन में न्यायाधीश पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है।जाधव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश तलेकर ने पक्ष रखा। इस तरह न्यायाधीश वानखेड़े ने अधिवक्ता तलेकर को सुनने व अभियोजन पक्ष के हलफनामे पर गौर करने के बाद संबंधित कोर्ट से रिपोर्ट मंगाई। औऱ मामले की सुनवाई 4 मई 2021 को रखी हैं।
अक्टूबर 2020 में ईओडब्ल्यू ने 25 हजार करोड़ रुपए के कथित घोटाले में राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार सहित 69 लोगों को क्लीन चिट दे दी थी। इसके विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे, सुरेंद्र अरोड़ा व जाधव ने कोर्ट में याचिका दायर की है।
Created On :   28 April 2021 6:52 PM IST