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अनोखी सजा: पेड़ काटने वाले 7 आरोपियों को लगाने होंगे पौधे, करनी होगी देखभाल
डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। विवादित जमीन पर पेड़ काटने के कारण हत्या के प्रयास के तहत दो गुटों के 7 आरोपियों को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने सजा सुनाई। जज वीवी पाटील ने दोषी ठहराते हुए पैठणखेड़ा (तहसील पैठण) के प्रवेश मार्ग पर पौधे लगाकर, उनके बड़े होने तक देखभाल करने की सजा सुना दी। इसके साथ बिड़कीन पुलिस को आदेश दिया कि वह हर छह माह में लगाए पौधों का जायजा लेकर रिपोर्ट पेश करें। कोर्ट के फैसले का सभी ने स्वागत किया है।
पुलिस को हर छह माह में देनी होगी रिपोर्ट
अशोक उर्फ अण्णा परमेश्वर घुले के अनुसार उनका घुंगार्डे परिवार के साथ पैठण तहसील के खललवाड़ी के गुट नं. 13 और 15 की जमीन की मिल्कियत को लेकर विवाद जारी है। 10 अक्टूबर 2016 को अशोक सहित उनके पिता और भाई ने विवादित जमीन पर लगे पेड़ काट डाले। आरोपियों ने मौके पर पहुुंचकर गालीगलौज कर लाठियों से घुले के शरीर पर कई वार किए। पुलिस ने घुंगार्डे परिवार के चार सदस्यों के विरुद्ध हत्या का प्रयास का मामला दर्ज किया गया। घुले परिवार की शिकायत के आधार पर घुंगार्डे परिवार के खिलाफ विरोधी अपराध दर्ज किया गया था। सुनवाई के दौरान सहायक सरकारी वकील सतीश मुंडवाडकर ने 9 और उदय पांडे ने चार गवाहों के बयान दर्ज किए। सात आरोपियों को हत्या का प्रयास करने के अपराध से बरी किया गया। लेकिन हमला कर गंभीर रूप से घायल करने के मामले में दोषी ठहराया गया। न्यायालय ने कारावास की सजा नहीं सुनाते हुए सातों आरोपियों को अच्छे बर्ताव की गारंटी पत्र पर सशर्त रिहा करने का आदेश दिया।
ये थी शर्त
इसके लिए शर्त यह रखी कि पैठणखेड़ा गांव के प्रवेेश मार्ग पर घुंगार्डे परिवार के चार लोगों को नीम और बरगद पांच-पांच पौधे लगाने होंगे। उसकी तीन वर्ष तक देखभाल करनी होगी। घुले परिवार के तीन दोषियों को भी रास्ते की दूसरी ओर नीम और बरगद के पांच-पांच पौधे लगाने को कहा गया है। साथ ही कोर्ट ने साफ किया कि आरोपी यदी एसा नहीं कर पाए तो तीन-तीन साल का कारावास भुगतना होगा।
दोषियों के नाम
दोषियों के नाम अशोक नारायण घुंगार्डे (45), योगेश अशोक घुंगार्डे (23), विनोद अशोक घुंगार्डे (26), दीपक अशोक घुंगार्डे (19), अशोक परमेश्वर घुले (27), परमेश्वर विश्वनाथ घुले (45) और संभाजी परमेश्वर घुले (25) हैं।
न्यायालय के निर्णय का स्वागत
प्रकरण में न्यायालय ने सुनाई सजा का वकीलों ने स्वागत कर अभिनंदन किया। वकीलों ने कहा कि जिस कारण अपराध किया उसके लिए पौधे लगाकर उनके रखरखाव की अनोखी सजा सुनाई गई। न्यायालय ने भी पेड़ों की सुरक्षा का ध्यान रखा, यह सबसे बड़ा आदर्श है। न्यायालय का रुख भी पर्यावरण की रक्षा करने का है।
Created On :   11 Dec 2017 9:35 PM IST