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विधान परिषद की राज्यपाल मनोनीत सीट मामले में अदालत का तत्काल सुनवाई से इंकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को विधानपरिषद की 12 सीटों पर मनोनीत करने के लिए सिफारिश के तौर पर भेजे गए नामों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता एकनाथ खडसे सहित 8 लोगों की नियुक्ति करने से राज्यपाल को रोकने से जुड़े आवेदन पर तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया है। न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई में वक़्त लगेगा। इसलिए हम आवेदन पर 24 नवंबर 2020 को सुनवाई करेंगे। इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सतीश तलेकर ने खंडपीठ से आवेदन पर सुनवाई के लिए आग्रह किया और इस विषय से जुड़ी याचिका में संशोधन की इजाजत मांगी। खंडपीठ ने अधिवक्ता तलेकर को याचिका में संशोधन की अनुमति देते हुए मामले की सुनवाई को स्थगित कर दिया। इस मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता शिवाजी पाटिल व दिलीप अगले ने हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया है।
आवेदन में कहा गया है कि मंत्रिमंडल की ओर से राज्यपाल के पास विधानपरिषद की 12 सीटों के लिए 12 नाम सिफारिश के तौर पर भेजे गए है। लेकिन इससे से आठ नाम जैसे राकांपा नेता एकनाथ खडसे, स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के प्रमुख राजू शेट्टी, यशपाल भिंगे, कांग्रेस नेता सचिन सावंत, रजनी पाटिल, मुजफ्फर हुसैन, अनिरुद्ध वटकर व फ़िल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर को मनोनीत न करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। क्योंकि ये सभी राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले लोग हैं। इनकी पहचान कला, विज्ञान, साहित्य, सहकारिता व समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए नहीं है। ये सभी लोग सक्रिय राजनीति से जुड़े हुए हैं और चुनाव भी लड़ चुके है।
आवेदन में दावा किया गया है कि राज्यपाल के पास साहित्य, कला, विज्ञान समाजसेवा व सहकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को नियुक्त करने का अधिकार है। आवेदन के मुताबिक उपरोक्त 8 लोगों की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 171(3) ई के अनुरूप नहीं है। इसलिए राज्यपाल को इन्हें नियुक्त न करने का निर्देश दिया जाए।
Created On :   19 Nov 2020 7:19 PM IST