मनीलांड्रिंग मामले में आरोपी पूर्व मंत्री नवाब मलिक को कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार

Court refuses to grant bail to ex-minister Nawab Malik, accused in money laundering case
मनीलांड्रिंग मामले में आरोपी पूर्व मंत्री नवाब मलिक को कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार
विशेष अदालत मनीलांड्रिंग मामले में आरोपी पूर्व मंत्री नवाब मलिक को कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विशेष अदालत ने माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम से जुड़े सहयोगियों से जमीन की कथित खरीद से जुड़े मनीलांड्रिंग मामले में आरोपी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता व राज्य के पूर्व मंत्री नवाब मलिक के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश आरएन रोकडे ने बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी मलिक को जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में आरोपी मालिक प्रिवेंशन आफ मनीलांडरिंग कानून की धारा 45 के प्रावधानों के तहत जमानत के लिए पात्र नजर नहीं आ रहे है। वे जमानत के लिए इस धारा की दो शर्तों को पूरा नहीं करते है। धारा 45 के तहत यदि कोर्ट को तर्कसंगत कारणों से महसूस होता है कि आरोपी ने कोई आपराध नहीं किया है अथवा उसे दोषी नहीं ठहराया जा सकता है तो अदालत उसे जमानत दे सकती है। न्यायाधीश ने आरोपी के जमानत आवेदन को खारिज करते समय गवाहों के बयानों पर भी गौर किया। इसके साथ ही कहा कि आरोपी अभी भी मामले से जुडी विवादित संपत्ति को अपने कब्जे में रखे हुए है। 

न्यायाधीश ने 14 नवंबर को दोनों पक्षों को सुनने के बाद मलिक के जमानत आवेदन अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। जिसे बुधवार को सुनाते हुए न्यायाधीश ने मलिक के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया। मलिक वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है और उनका मुंबई के निजी अस्पताल में किडनी से जुड़ी तकलीफ का इलाज चल रहा है। अभी इस मामले को लेकर कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश की विस्तृत आदेश की प्रति उपलब्ध नहीं हुई है। 

 प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने मलिक पर माफिया सरगना दाऊद की बहन हसीना पारकर से 3.3 करोड़ रुपए की संपत्ति 55 लाख रुपए में खरीदने के मामले में शिकंजा कसा था। इसके बाद ईडी ने मलिक को 23 फरवरी 2022 को गिरफ्तार किया था। मलिक पर माफिया सरगना दाऊद के सहयोगियों की मदद से अवैध रुप से संपत्तियों को हासिल करने का आरोप है।  जिसमें कुर्ला के गोवावाला कंपाउंड की एक जमीन शामिल है। ईडी ने अपनी जांच के दौरान पाया था कि इस संपत्ति के वास्तविक मालिक मुनीरा और मरियम थे। जिन्होंने हसीना पारकर के सहयोगी सलीम पटेल को जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए पॉवर ऑफ अटार्नी दी गई थी पटेल को इसे बेचने का अधिकार नहीं था। लेकिन बाद में यह जमीन नवाब मलिक को एक कंपनी के माध्यम से 55 लाख रुपए में बेंच दी गई । इस सौदेबाजी में बड़े पैमाने पर नियमों का उल्लंघन हुआ है। वहीं मलिक ने जुलाई में दायर अपने जमानत आवेदन में कहा  था कि उनका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। उन पर लगाए गए आरोप आधारहीन है। इसलिए उन्हें इस मामले में जमानत प्रदान की जाए। किंतु कोर्ट ने मलिक के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया। 

 

Created On :   30 Nov 2022 9:41 PM IST

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