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सीएम के खिलाफ मानहानि के मुकदमें में केके मिश्रा को फिर झटका

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। परिवहन आरक्षक भर्ती को लेकर प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने वाले कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा को हाईकोर्ट से फिर से झटका लगा है। उनके खिलाफ भोपाल की अदालत में चल रहे मानहानि के मुकदमें को दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने से हाईकोर्ट ने सोमवार को इंकार कर दिया। मिश्रा का आरोप था कि ट्रायल कोर्ट में गवाही देने पहुंचे सीएम शिवराज सिंह चौहान और तत्कालीन परिवहन आयुक्त संजय चौधरी की गवाही लेने के बाद संबंधित जज ने उन्हें अपने चेम्बर में चाय पिलाई थी, इसलिए मामला किसी अन्य कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए। सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए केके मिश्रा द्वारा लगाए गए आरोपों को आधारहीन पाते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी।
गौरतलब है कि भोपाल के लोक अभियोजक आनंद तिवारी ने वहां की निचली अदालत में कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। लोक अभियोजक का आरोप था कि 21 जून 2014 को कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने भोपाल में प्रेस कान्फ्रेंस करके परिवहन आरक्षक पदों पर व्यापमं के जरिए वर्ष 2013 में हुई भर्तियों में प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान व उनकी पत्नी साधना सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनका आरोप था कि सीएम और उनकी पत्नी ने गोंदिया और महाराष्ट्र के उम्मीदवारों को अवैध तरीके से भर्ती कराया है।
सोमवार को हुई कांग्रेस प्रवक्ता की याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान मप्र सरकार की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव और शासकीय अधिवक्ता अमित सेठ ने याचिका पर आपत्ति ली। सरकार की ओर से बताया गया कि इससे पहले भी केके मिश्रा ने एक शिकायत दी थी, जोे जिला सत्र जज ने विस्तृत आदेश देकर खारिज कर दी थी। जिला सत्र जज ने माना था कि सीएम और परिवहन आयुक्त ने चाय कोर्ट परिसर में पी थी, न कि जज के चेम्बर में। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों को आधारहीन पाते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी।
पहले भी खारिज हुई थी याचिका
इससे पहले इस मानहानि के मामले में भोपाल की अदालत द्वारा 4 फरवरी 2017 को आरोप तय किए जाने को चुनौती देकर केके मिश्रा की ओर से एक पुनरीक्षण याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी। 24 जुलाई 2017 को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने वह याचिका खारिज कर दी थी। इस फैसले के खिलाफ केके मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया, जिस पर 25 अगस्त को हुई प्रारंभिक सुनवाई के बाद केके मिश्रा को अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया गया था।
Created On :   25 Sept 2017 9:37 PM IST