- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- बच्चों के हित में अदालत ने आधी की...
बच्चों के हित में अदालत ने आधी की पिता की सजा, पत्नी की हत्या के आरोपी में हुई थी जेल
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सत्र न्यायालय ने दो नाबालिग लड़कियों के हित को देखते हुए पत्नी की हत्या के मामले में दोषी पाए गए पति को दस साल की बजाय पांच साल के कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एबी शर्मा ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद पाया कि पैसों को लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ था। इस दौरान झगड़ा इतना बढ गया कि आरोपी ब्रिजकिशोर प्रसाद ने अपने बचाव में पत्नी सुनीता को लोहे के झाडू से मारा लेकिन चोट गहरी होने के चलते पत्नी की मौत हो गई।
न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में आरोपी को नियमानुसार दस साल की सजा होनी चाहिए किंतु आरोपी पर दो नाबालिग बेटियों की जिम्मेदारी है। इसलिए हम बच्चियों के भविष्य को देखते हुए इस मामले में नरम रुख अपनाते हैं और आरोपी को दस की बजाय पांच साल के कारावास की सजा सुनाते हैं।
न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में अभियोजन पक्ष आरोपी पर लगे आरोपों को संदेह से परे जानकार साबित करने में नाकाम रहा है। इसके अलावा इस मामले में पहले पत्नी अपने पति को मारने के लिए आगे आयी थी। पति ने अपने बचाव पर उस पर हमला किया है। इस तरह से यह नहीं कहा जा सकता है आरोपी ने इरादतन पत्नी के सिर पर हमला कर उसकी हत्या की है। न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी पर अपनी दो नाबालिग बेटियों की जिम्मेंदारी है जो फिलहाल अनाथ आश्रम रह रही हैं। इसलिए हम आरोपी के प्रति नरमी दिखाते हुए उसे पांच साल के कारावास की सजा सुनाते हैं।
Created On :   26 Oct 2022 9:11 PM IST