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दो और लोगों को लगाया गया कोविड-19 का टीका, पुणे के इस अस्पताल में चल रहा परीक्षण
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुणे के भारती विद्यापीठ मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ऑक्सफोर्ड कोविड-19 के टीके के दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण के तहत गुरुवार को तीन और लोगों को टीका दिया गया। क्लिनिकल ट्रायल के दूसरे चरण में पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा निर्मित ‘कोविशिल्ड टीके’ का पहला "शॉट" 32 वर्ष एवं 48 वर्ष के दो व्यक्तियों को बुधवार को लगाया गया था। मेडिकल कॉलेज में अनुसंधान इकाई की प्रभारी डॉ सुनीता पालकर बताया कि गुरुवार को दोपहर में तीन और लोगों को टीका लगाया गया जिनमें दो महिलाएं और एक पुरुष हैं। इससे पहले उनकी कोविड-19 के लिए आरटी-पीसीआर जांच और एंटीबॉडी जांच की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। उन्होंने बताया कि बुधवार को दो लोगों को टीका दिए जाने के बाद पांच और लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी। इनमें से चार की कोविड-19 और एंटीबॉडी जांच की गुरुवार की रिपोर्ट निगेटिव आई और वे क्लिनिकल परीक्षण के लिए पात्र हो गए। पालकर ने बताया कि पांचवें व्यक्ति को परीक्षण से अलग कर दिया गया, क्योंकि उनकी एंटीबॉडी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि शहर के केईएम अस्पताल को भी देश में टीके के क्लिनिकल परीक्षण के लिए चुना गया है। उन्होंने कहा, हमने कल पांच लोगों की स्क्रीनिंग की और हम उनकी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। रिपोर्ट के परिणाम के अनुसार पात्र लोगों को टीका लगाया जाएगा। इस बीच जिन दो लोगों को ऑक्सफोर्ड की ओर से बनाया गया कोविड-19 का टीका लगाया गया था, उनके स्वास्थ्य संबंधी अहम मानक सामान्य हैं। मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के उप चिकित्सा निदेशक डॉ. जितेंद्र ओस्वाल ने कहा कि कल से हमारा चिकित्सा दल दोनों लोगों के संपर्क में है और दोनों ठीक हैं। टीकाकरण के बाद उन्हें दर्द, बुखार, इंजेक्शन का कोई दुष्प्रभाव या दूसरी कोई तकलीफ नहीं है।’’ उन्होंने बताया कि बुधवार को टीका लगाने के बाद दोनों पर आधे घंटे तक नजर रखी गई, उसके बाद ही उन्हें घर जाने दिया गया। अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. संजय लालवानी बताया कि दोनों व्यक्तियों को एक महीने के बाद टीके की एक और खुराक दी जाएगी तथा अगले सात दिन में 25 लोगों को यह टीका लगाया जाएगा।
खुश है टीका लगवाने वाला डॉक्टर
कोरोना से बचाव के लिए तैयार किए जा रहे टीके के परीक्षण के लिए खुद को टीका लगवाने वाले 48 वर्षीय व्यक्ति ने कहा कि वह कोरोना वायरस के खिलाफ वैश्विक जंग का हिस्सा बनकर खुश हैं। टीका लगवाने वालों में पेशे से एक डॉक्टर भी शामिल है। पुणे स्थित भारतीय सीरम संस्थान इस टीके का निर्माण कर रहा है। टीका लगवाने वाले डॉक्टर ने गुरुवार को बताया कि उन्होंने दस साल पहले एच1एन1 (स्वाइन फ्लू) वायरस के खिलाफ एक टीके के परीक्षण में भी हिस्सा लिया था। उन्होंने कहा कि उनकी 21 वर्षीय बेटी ने भी 2014 में सर्वाइकल कैंसर के टीके के परीक्षण में हिस्सा लिया था। डॉक्टर ने कहा कि बी-टेक की पढ़ाई कर रही मेरी बेटी ने भी इसमें टीका लगवाने की इच्छा जतायी थी क्योंकि उसकी कोविड-19 और एंटीबॉडी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी। उन्होंने कहा कि खुश होने से अधिक उन्हें इस बात को लेकर अच्छा महसूस हो रहा है कि उन्होंने और उनकी बेटी ने टीका लगवाकर कोविड-19 के खिलाफ जंग में छोटा सा योगदान दिया है। यह मानव जाति के लिए एक बड़ा और वैश्विक प्रयास है।
Created On :   27 Aug 2020 8:06 PM IST