शिवसेना सांसद कीर्तिकर के खिलाफ रैली निकालने  का एलान करने वाले निरुपम पर कसा शिकंजा

Crackdown on Nirupam who announced rally against Shiv Sena MP Kirtikar
शिवसेना सांसद कीर्तिकर के खिलाफ रैली निकालने  का एलान करने वाले निरुपम पर कसा शिकंजा
हिरासत में लिया शिवसेना सांसद कीर्तिकर के खिलाफ रैली निकालने  का एलान करने वाले निरुपम पर कसा शिकंजा

डिजिटल डेस्क, मुंबई. उत्तर पश्चिम सीट से शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुआई वाले ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ में शामिल होने के बाद कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने उनके इस्तीफे की मांग करते हुए आक्रामक रुख अपना लिया है। कीर्तिकर को निष्क्रिय बताकर निरुपम ने उनके खिलाफ इलाके में बुधवार को मोटर साइकल रैली का ऐलान किया था। लेकिन वे ऐसा कर पाते इससे पहले ही पुलिस निरुपम के घर पहुंच गई और उन्हें हिरासत में ले लिया। निरुपम को वर्सोवा पुलिस स्टेशन ले जाया गया जहां उन्हें कुछ घंटे बिठाकर रखा गया और बाद में घर जाने की इजाजत दे दी गई। लेकिन निरुपम को पुलिस की यह कार्रवाई नागवार गुजरी। उन्होंने पुलिस स्टेशन से बाहर आने के बाद दावा किया कि पुलिस ने उन्हें बिना कोई कागज दिखाए अवैध रुप से हिरासत में लिया था। निरुपम ने कार्रवाई करने वाले एसीपी को निलंबित करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनके और उनके कार्यकर्ताओं के साथ जो व्यवहार किया है कि वह गैरकानूनी है। मुझे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के दबाव में हिरासत में लिया गया। निरुपम ने कहा कि मैंने पुलिस से मोटर साइकल रैली की इजाजत मांगी थी लेकिन पुलिस ने इजाजत नहीं दी।

अब बगैर इजाजत के निकालेंगे रैली 

अगर मैंने इजाजत न मिलने के बाद भी मोटर साइकिल रैली निकाली होती तो पुलिस कार्रवाई कर सकती थी लेकिन पुलिस ने किस आधार पर मुझे मेरे घर से हिरासत में लिया। निरुपम ने कहा कि वे अब पुलिस की इजाजत के बिना ही मोटर साइकल रैली निकालेंगे। फिलहाल रैली में शामिल होने वाले कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है लेकिन हम यह रैली जरूर निकालेंगे। निरुपम ने कहा कि जब तक गजानन कीर्तिकर इस्तीफा नहीं देते। हम उनके खिलाफ आंदोलन जारी रखेंगे। बता दें कि पिछले लोकसभा चुनावों में संजय निरुपम को हराकर ही शिवसेना के टिकट पर कीर्तिकर ने जीत हासिल की थी। शिवसेना और कांग्रेस के साथ आ जाने के बाद निरुपम कीर्तिकर के खिलाफ ज्यादा आक्रामक रुख नहीं अपना पा रहे थे। लेकिन कीर्तिकर के शिंदे गुट में शामिल होने के बाद निरुपम को एक बार फिर उन पर हमला करने का मौका मिल गया है। निरुपम के मुताबिक गजानन कीर्तिकर ने अपनी पार्टी छोड़ी है इसलिए उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। 
 

Created On :   16 Nov 2022 9:47 PM IST

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