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ऐसा वातावरण बनाएँ जहाँ बच्चे खुद को सुरक्षित महसूस करें-चीफ जस्टिस
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ ने कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आँकड़ों के अनुसार बच्चों के विरुद्ध निरंतर बढ़ रहे अपराध अत्यंत चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा कि इसे रोकने हमें ऐसे वातावरण का निर्माण करने की जरूरत है जहाँ बच्चे खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें।
वे हाईकोर्ट की किशोर न्याय समिति, पॉक्सो समिति, ज्यूडिशियल अकादमी व विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में मध्य प्रदेश स्टेट ज्यूडिशियल अकादमी के सभागार में स्टेट कंसल्टेशन मंथन के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे।
चीफ जस्टिस ने कहा िक यह दुर्भाग्यजनक है कि देश में बच्चों पर अपराध में से 96 प्रतिशत ऐसे मामले हैं जिनमें करीबी या जानने वाले ने ही उत्पीडऩ किया है। मध्यप्रदेश में यह आँकड़ा 97 फीसदी है। उन्होंने कहा िक इसके लिए अभिभावकों को संवेदनशील होकर अपराध के खिलाफ मुखर होने की जरूरत है। जितना जल्दी अपराध दर्ज होगा, उतनी ही जल्दी कार्रवाई हो सकेगी।
प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू ने कहा कि नाबालिगों के विरुद्ध अपराध को रोकने के लिए सभी को करुणा का भाव रखते हुए काम करने की जरूरत है। उन्होंने आयोजकों से कहा िक दो दिन के मंथन से निकलने वाले अमृत को बच्चों तक पहुँचाएँ। किशोर न्याय समिति के अध्यक्ष जस्टिस सुजय पॉल, पॉक्सो समिति के अध्यक्ष जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी, अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक शाह, चीफ ऑफ फील्ड ऑफिस यूनिसेफ मारग्रेट ग्वाडा ने भी अपने विचार रखे।
अपराधियों के लिए आसान लक्ष्य बच्चे
वक्ताओं ने कहा कि अधिकतर मामलों में अपराधी बच्चों के रिश्तेदार अथवा परिचित ही होते हैं। बच्चे अपराध करने के लिये आसान लक्ष्य होते हैं, क्योंकि वे अपनी बात खुलकर समझा नहीं पाते हैं और डर के कारण भी अपराध होने के बाद आरोपी के संबंध में मौन रह जाते हैं। बच्चों के विरुद्ध हुए अपराध के संबंध में तत्काल संबंधित एजेन्सी आदि के माध्यम से कार्रवाई आवश्यक है। बच्चों के माता-पिता, शिक्षकों तथा उनसे संबंधित समस्त लोगों के माध्यम से बच्चों को शारीरिक व मानसिक शिक्षा प्रदान कर संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है। इस उद्देश्य से स्कूल शिक्षा पाठ्यक्रम में तत्संबंध में विषय सम्मिलित किए जा सकते हैं। किशोर न्याय समिति के सचिव समरेश िसंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर रजिस्ट्रार जनरल रामकुमार चौबे, प्रमुख सचिव, विधि एवं विधायी कार्य विभाग बी.के. द्विवेदी, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव राजीव कर्महे भी मौजूद रहे।
किशोर न्याय समिति की वेबसाइट लॉन्च
जस्टिस सुजय पॉल द्वारा कार्यक्रम का परिचय व स्वागत उद््बोधन दिया गया। मुख्य न्यायाधिपति व अतिथियों द्वारा हाईकोर्ट की किशोर न्याय समिति की वेबसाइट लॉन्च की गई। बताया गया िक इस कार्यक्रम का उद्देश्य विगत 10 वर्षों में पॉक्सो एक्ट, 2012 के क्रियान्वयन व पूर्व में तैयार किए गए बाल संरक्षण के राज्य स्तरीय कार्ययोजना 2018-22 की समीक्षा करना और वर्ष 2023-27 के लिये राज्य स्तरीय कार्ययोजना को विकसित करना है।
Created On :   5 Nov 2022 10:29 PM IST