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कुंड से निकलकर पिंजरे में कैद हुआ मगरमच्छ
डिजिटल डेस्क जबलपुर। भेड़ाघाट में पंचवटी के पास पिछले एक पखवाड़े से डेरा जमाए बैठा मगरमच्छ शनिवार की सुबह 6 बजे के करीब जाल में फँस गया। मगर को पकडऩे वन विभाग द्वारा पिंजरा लगाया गया था और उसमें दाना डाला जा रहा था। सुबह वह भोजन की तलाश में कुंड से निकला और पिंजरे में कैद हो गया। मगर के पिंजरे में कैद होने की जानकारी लगने पर वन विभाग ने रेस्क्यू करते हुए उसे खंदारी जलाशय में ले जाकर छोड़ दिया।
सूत्रों के अनुसार विगत 11 नवंबर को पंचवटी के पास नदी में मगरमच्छ देखे जाने की सूचना पर वन विभाग द्वारा निगरानी शुरू की गयी थी उसके बाद से वह लगातार स्थान बदल रहा था। मंगलवार को वह नदी से बाहर निकलकर धूप सेंकने के लिए चट्टान पर आकर बैठा था जिसके बाद वहाँ दहशत का माहौल निर्मित हो गया था। सूचना मिलने पर वन विभाग द्वारा रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया था। काफी मशक्कत के बाद शनिवार सुबह मगरमच्छ पिंजरे में फँस गया। उधर पंचवटी से मगरमच्छ को पकड़े जाने को लेकर वन्य जीव प्रेमियों ने आपत्ति जताई है उनका कहना था कि मगर नदी में नहीं रहेगा तो कहाँ रहेेगा। वहीं क्षेत्रीय लोगों का कहना था कि मगरमच्छ के कारण नौका विहार कर आजीविका चलाने वालों के सामने संकट की स्थिति बन गयी थी।
वेटरनरी में हुआ परीक्षण
पिंजरे में कैद हुए मगर को जलाशय में छोडऩे के पहले उसे वेटरनरी कॉलेज ले जाया गया वहाँ विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया उसके उपरांत उसे रेस्क्यू टीम के हवाले किया गया था।
पिंजरे में रखा गया था मुर्गा
वन विभाग सूत्रों के अनुसार मगर को जाल में फँसाने के लिए पिंजरे में रोजाना चारा डाला जाता था। पिछले 4-5 दिनों में मगर इसका आदि हो गया और सुबह पिंजरे में मुर्गा रखा गया था जिसे देखकर वह पिंजरे में घुसा और कैद हो गया।
नाव में रखकर लाया गया पिंजरा
पंचवटी के पास लगाए गये पिंजरे में मगर के कैद होने के बाद डीएफओ के निर्देश पर रेस्क्यू टीम के सदस्य सुबह भेड़ाघाट पहुँचे और पिंजरे को नाव में रखकर घाट पर लाया गया था। इस दौरान एसडीओ प्रदीप श्रीवास्तव, रेंजर एमएल बरकड़े, रेस्क्यू प्रभारी गुलाब सिंह राजपूत, राम विनोद माझी, शंकर लाल तिवारी, अजय तिवारी, धनंजय घोष आदि कड़ी मशक्कत में जुटे रहे।
पंचवटी में लगा मजमा
पंचवटी के पास करीब 5 से 6 फीट लंबा मगरमच्छ पिंजरे में फँसने की जानकारी जैसे ही लोगों को लगी तो आसपास लोगों की भीड़ जमा हो गयी। हर कोई यह जानने उत्सुक था कि मगर को पिंजरे में कैसे कैद किया गया और पिंजरे को नदी से कैसे घाट तक लाया जाएगा। यह मजमा पिंजरे को रेस्क्यू वाहन में रखे जाने तक लगा रहा।
खंदारी जलाशय में छोड़ा
पंचवटी के पास पिछले कुछ दिनों से नजर आ रहे मगरमच्छ को पकडऩे रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा था। सुबह वह पिंजरे में फँसा उसके बाद मगर को खंदारी जलाशय में ले जाकर छोड़ा गया है।
श्रीमती अंजना सुचिता तिर्की, डीएफओ
Created On :   27 Nov 2021 8:18 PM IST