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दो साल बाद भी नहीं लगाई सीटी स्कैन मशीन, सरकार ने कंपनी पर लगाई 54 लाख की पेनाल्टी
हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से पेश किया गया जवाब
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कटनी सहित प्रदेश के 9 जिलों के जिला अस्पतालों में दो साल बाद भी सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाने पर राज्य सरकार ने सिद्धार्थ एमआईआर एवं सीटी स्कैन पर 54 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई है। राज्य सरकार की ओर से यह जानकारी मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस संजय द्विवेदी की डिवीजन बैंच में पेश की गई है। डिवीजन बैंच ने इस मामले की अगली सुनवाई 1 मार्च को नियत की है।
ये है मामला-यह जनहित याचिका कटनी एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष दिव्यांशु मिश्रा (अंशु) की ओर दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कटनी के जिला अस्पताल में वर्ष 2017 में मेसर्स सिद्धार्थ एमआईआर एवं सीटी स्कैन कंपनी को सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका दिया गया था। कंपनी को फरवरी 2019 तक सीटी स्कैन मशीनें लगानी थी, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद मशीनें नहीं लगाई गईं। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता योगेश सोनी ने डिवीजन बैंच को बताया कि कंपनी को कटनी के साथ ही मंडला, शहडोल, रतलाम, बालाघाट, मंदसौर, शाजापुर, धार और खंडवा में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मिला था, लेकिन कंपनी ने कही भी सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई।
अप्रैल तक सीटी स्कैन मशीनें लगाने का आश्वासन
पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि प्रदेश के 9 जिलों में अप्रैल तक सीटी स्कैन मशीनें लगा दी जाएँगी। डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार से पूछा था कि सीटी स्कैन मशीनें लगाने में दो साल की देरी करने पर कंपनी पर क्या कार्रवाई की गई। इसके साथ ही सीटी स्कैन मशीन लगने तक िनजी अस्पतालों से सीटी स्कैन कराने वाले गरीब मरीजों से कितना न्यूनतम शुल्क लिया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्पेन्द्र यादव ने जवाब पेश कर बताया कि सीटी स्कैन लगाने में देरी के लिए कंपनी पर 54 लाख रुपए पेनाल्टी लगाई गई है। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने मामले की सुनवाई 1 मार्च को नियत की है।पी-3
Created On :   17 Feb 2021 2:56 PM IST