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महाराष्ट्र जैसे आधुनिक राज्य में हुए दाभोलकर-पानसरे हत्याकांड की अब जड़ तक जाएंगे - HC
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.नरेंद्र दाभोलकर व गोविंद पानसरे की हत्या के मामले को लेकर मुकदमा चलाने की तैयारी के बावजूद बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि वह इस मामले की जांच पर अपनी निगरानी को जारी रखेगी। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि मामले से जुड़ा अपराध महाराष्ट्र जैसे आधुनिक राज्य में हुआ है। जो हमारी चिंता का विषय है। इसलिए हम इस मामले की जड़ तक जाएगे और जांच एजेंसी को भी प्रकरण की तहत तक जाने के लिए कहेंगे। इस मामले को यू नहीं छोड़ा जाएगा। हाईकोर्ट ने सीबीआई व विशेष जांच दल को इन दोनों मामले से जुड़ी व्यापक साजिश के पहलू की गहराई से जांच करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि वैसे हम हर मामले की जांच पर नजर नहीं रखते है लेकिन यह मामला आधुनिक राज्य महाराष्ट्र में घटित हुआ है। इसलिए हम मामले की जांच पर निगरानी रखेंगे। हाईकोर्ट ने जांच एजेंसी से अगली सुनवाई के दौरान जानना चाहा है कि अब इस मामले में क्या शेष बचा है। इसकी जानकारी हमे अगली सुनवाई के दौरान दी जाए।
सीबीआई दाभोलकर मामले की जांच कर रही है। वहीं एसआईटी पानसरे मामले की तहकीकात कर रही है। हाईकोर्ट में दाभोलकर व पानसरे के परिजनों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। मंगलवार को यह याचिका न्यायमूर्ति एमएस शिंदे व न्यायमूर्ति मनीष पीटले की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आई। इससे पहले सीबीआई की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने खंडपीठ के सामने प्रकरण की जांच से जुड़ी प्रगति रिपोर्ट पेश की। इसके साथ ही दावा किया कि सीबीआई दाभोलकर मामले में मुकदमा चलाने के लिए तैयार है। अब इस प्रकरण में कोई फरार आरोपी नहीं है। चूंकि मामले की जांच जारी थी इसलिए मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगाने की मांग को लेकर आवेदन दायर किया गया जिसे वापस ले लिया गया है। उन्होंने कहा कि अभी कर्नाटक में पत्रकार गौरी लंकेश मामले के मुकदमे की शुरुआत नहीं हुई है। वहीं एसआईटी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मुंदरगी ने कहा कि पानसरे मामले में कुल दस आरोपी है। आरोपियों पर आरोप तय कर दिया गए हम मुकदमे की सुनवाई के लिए तैयार है । इससे पहले ने उन्होंने भी मामले की प्रगति रिपोर्ट खंडपीठ के सामने पेश की। उन्होंने कहा कि अभी भी इस मामले के दो शूटर फरार है। जिनकी तलाश जारी है। ये दोनों काफी महत्वपूर्ण आरोपी है।
मुंदरगी ने कहा कि हर बात खुली अदालत में सबके सामने अथवा लिखित रुप से नहीं कही जा सकती है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि हमे कोई जल्दबाजी नहीं है। हमारे मन में जांच को लेकर थोड़ा भी संदेह नहीं है। लेकिन हम मामले की जांच को लेकर निगरानी को जारी रखेंगे। ताकि यह पता चलता रहे कि मामले को लेकर कौन से कदम उठाए जा रहे है। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 15 अप्रैल 2021 तक के लिए स्थगित कर दी है। गौरतलब है कि अंधविश्वास के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए चर्चित दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जबकि पानसरे की कोल्हापुर में 16 फरवरी 2015 को उनके घर के निकट गोली मारी गई थी। चार दिन बाद पानसरे की अस्पातल में मौत हो गई थी।
Created On :   30 March 2021 9:18 PM IST