बांध की मुख्य नहर फूटी, कई एकड़ की फसल प्रभावित - आरबीसी नहर समनापुर के पास फूटने से बनी समस्या

Dams main canal eroded, crop of many acres affected - RBC canal created due to eruption near Samanpur
बांध की मुख्य नहर फूटी, कई एकड़ की फसल प्रभावित - आरबीसी नहर समनापुर के पास फूटने से बनी समस्या
बांध की मुख्य नहर फूटी, कई एकड़ की फसल प्रभावित - आरबीसी नहर समनापुर के पास फूटने से बनी समस्या

डिजिटल डेस्क सिवनी । संजय सरोवर(भीमगढ़)की आरबीसी नहर मंगलवार तड़के समनापुर  स्थित चैन क्रमांक 730 के पास फूटने से बड़े रकबे में लगी गेहूं की फसल प्रभावित हो गई। सुबह जैसे ही किसानों को जानकारी मिली तो वे अपने खेतों की ओर दौड़ पड़े। आलम यह था कि खेतों में पानी भर गया तो पानी आगे के खेतों में जा रहा था। एक अनुमान के अनुसार आधा दर्जन से अधिक गांवों के खेतों में पानी भरने से फसलों को नुकसान हुआ है। हालांकि सिंचाई अधिकारियों का कहना है कि इसमें कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ केवल नहर के किनारे किनारे के खेतों का हिस्सा प्रभावित हुआ है। घटना के बाद किसानों ने सर्वे कर मुआवजे की मांग की है।
..तो क्या केकड़ों के कारण फूटी मजबूत नहर
नहर फूटने की वजह अधिकारी केकेड़ों और चूहों के द्वारा किए गए होल को बता रहे हैं। सिंचाई विभाग के केवलारी डिवीजन के ईई पीसी महाजन बताते हैं कि अक्सर केकड़े नहर की वॉल में होल करते हैं। केकड़ों को खाने के लिए चूहे  भी बड़ी संख्या में आते हैं और वे नहर में होल करते जाते हैं। ऐसे में नहर का हिस्सा कमजोर होने से पानी के दबाव में फूट जाता है। ज्ञात हो कि इसके पहले करीब नौ साल पहले भोमा के पास चीचबंद के पास का बांध में होल होने से  पानी बड़ी मात्रा में बह गया था।
किसान बोले मरम्मत नहीं कराई गई
किसान जयसिंह बघेल, विजय बेदी  रामकुमार राय, धर्मेंद्र राय, मानू कश्यप, अमित राय, श्यामू ठाकुर, भगवत समेत अन्य किसानों का आरोप है नहर की मरम्मत नहीं कराने से वह फूट गई। जबकि नहरों की मरम्मत के लिए  लगातार मांग की जा रही थी। करीब 40 साल पुरानी नहर जर्जर हो गई है।उसमें पानी भी अधिक छोड़ दिया गया।नहरों में पानी छोडऩे के पहले सुधार होना था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। दो माह पहले तो किसानों ने खुद ही नहरों की सफाई की थी। नहरों में मिट्टी और कचरा अलग नहीं की जाती है और टूटे या कमजोर भाग को नहीं सुधारा जाता है।
फसल बर्बाद मुआवजे की मांग
नहर फूटने से जिन किसानों के खेतों में पानी भरा है उन्होंने राजस्व विभाग से फसल नुकसान की मांग की है। किसानों के अनुसार बडी मुश्किल से फसल तैयार की थी और वह भी बर्बाद हो गई। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कितने हेक्टेयर में लगी फसल खराब हुई है।सर्वे की स्थिति के बाद ही साफ हो पाएगा कि कितना नुकसान हुआ है। नहर के फूटने को लेकर किसानों ने अफसरों पर मनमानी के आरोप भी लगाए हैं।
जब अचानक नाले उफनाए
नहर का पानी खेतों से नालों में जाने से नालों का अचानक जलस्तर बढ़ गया। कई लोग तो हैरत में पड़ गए कि आखिर कहां इतनी बारिश हो  गई कि पानी इतना अधिक आ गया। हालांकि पानी के बहाव से किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। सूखने की स्थिति में आ रहे नालों में पानी जमा हो गया।जानकरी के अनुसार नहर दूसरी बार 10 जनवरी को शुरु की गई थी। इसमें 900 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था।
लाइन सर्वे का प्रस्ताव अधर में
जानकारी के अनुसार सिंचाई विभाग ने नहरों के सुधार अन्य कामों को लेकर दो साहल पहले प्रस्ताव  शासन को भेज दिया है। इसमें अभी तक लाइनिंग का काम नहीं हो पाया है। इसके पीछे कारण भी स्पष्ट नहीं हो पाया। किसानों के अनुसार नहर की मरम्मत के लिए बजट आता है लेकिन सुधार नहीं कराया जाता।
इनका कहना है
आरबीसी नहर में केकड़ों और चूहों के कारण होल हो गए हैं। ऐसे में पानी के कारण वह हिस्सा फूट गया। हालांकि इस तरह की समस्या आती है। मौके पर नहर बंद कर सुधार कार्य शुरु कर दिया है।एक या दो दिन के भीतर नहर फिर से शुरु कर दी जाएगी।
पीसी महाजन, ईई, केवलारी
 

Created On :   28 Jan 2021 5:59 PM IST

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