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तारीख पर तारीख ,तारीख पर तारीख क्यों बढ़वा रही है भोपाल पुलिस?-हाईकोर्ट ने सरकार व अन्य से पूछा

डिजिटल डेस्क जबलपुर ।भोपाल के एक कॉस्मेटिक सर्जन का मामला पहले कमजोर धारा में दर्ज करने और फिर निचली अदालत में बार-बार तारीख लिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व अन्य को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस जेपी गुप्ता की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद करने के निर्देश दिए हैं।
साथी ने किया गबन
यह पुनरीक्षण याचिका भोपाल के कॉस्मेटिक सर्जन डॉ. प्रमोद शर्मा की ओर से दायर की गई है। आवेदक का कहना है कि वो चेन्नई प्रवास पर थे और उसी दौरान उनके साथी डायरेक्ट आदित्य निगम ने एचडीएफसी और केनरा बैंक में उनके (आवेदक के) फजऱ्ऱ्ी दस्तखत करके फजऱ़्ी एकाउन्ट खोला और कई लाख रूपए का ग़बन किया। डॉक्टर शर्मा ने वर्ष 2015 में भोपाल के थाना एमपी नगर में शिकायत कराई गई, जिसमें लम्बी गुहार के बाद सिर्फ भादंवि की धारा 420 के तहत मामला क़ायम कर छोड़ दिया और राजनीतिक प्रभाव में जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई। याचिकाकर्ता का दावा है कि प्रकरण को भादंवि की धारा 467, 468, 471 के तहत दर्ज होना था। पुलिस द्वारा दर्ज प्रकरण में धाराओं को बढ़ाने डॉक्टर शर्मा ने 2017 में भोपाल की जिला अदालत में प्रकरण पेश किया और उचित प्रावधानों में प्रकरण का अनुसंधान कर चालान पेश करने की याचना की गई। निचली अदालत ने मार्च 2017 में पुलिस कार्यवाही और प्रतिवेदन के लिए आदेश किए, जिस पर लगातार भोपाल पुलिस द्वारा समय माँगकर सुनवाई बढ़वाई जा रही। दो साल से ज्यादा इंतजार करने के बाद डॉ. शर्मा ने हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर की। मामले पर बुधवार को हुई सुनवाई के बाद अदालत ने अनावेदकों को जवाब पेश करने के निर्देश दिए। याचिककर्ता की ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे व कुणाल दुबे पैरवी कर रहे हैं।
Created On :   26 Sept 2019 1:52 PM IST