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पिता की जान बचाने अपना लीवर दान करने की इच्छा को लेकर बेटी पहुंची हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अपने पिता की जान बचाने के लिए एक नाबालिग बेटी बांबे हाईकोर्ट पहुंची है। पिता को लीवर ट्रांसप्लांट की जरुरत है। बेटी अपने पिता को लीवर देने के लिए सबसे उपयुक्त पायी गई है किंतु उसकी उम्र 16 साल है। इसलिए उसने अंगदान देने की मंजूरी के लिए मेडिकल शिक्षा महानिदेशालय(डीएमईआर) के पास आवेदन किया है। अप्रैल में किए गए इस आवेदन पर डीएमईआर ने अब तक फैसला नहीं किया है। इसलिए नाबालिग बेटी ने अपनी मां के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। अंगदान से जुड़े मामले से जुड़े आवेदन को मंजूरी देने के लिए डीएमईआर उपयुक्त प्राधिकरण है।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने याचिका पर गौर करने के बाद डीएमईआर को बुधवार तक नाबालिग लड़की की ओर से अंगदान को मंजूरी देने की मांग को लेकर किए गए आवेदन पर निर्णय लेने को कहा है। याचिका में नाबालिग लड़की ने कहा है कि मार्च 2022 से उसके पिता परेल के ग्लोबल अस्पताल में भर्ती है। उन्हें लीवर से जुड़ी तकलीफ है। उनकी हालत गंभीर है। डाक्टरों ने लीवर ट्रांसप्लांट का सुझाव दिया है।
याचिका में बेटी ने कहा है कि डाक्टरों ने लीवर के लिए सभी रिश्तेदारों की जांच की लेकिन कोई भी लीवर के दान के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया है। किंतु जब मेरी(बेटी) जांच की गई तो मेरा लीवर पिता के लिए उपयुक्त पाया है। मेरे अलावा फिलहाल और कोई लीवर दान के लिए उपलब्ध नहीं है। पिता की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। डाक्टरों ने जो अंशकालिक उपचार किया है। उसके तहत पिताजी 15 दिन और जीवित रह सकते है। मैंने अंगदान की मंजूरी के लिए सक्षम प्राधिकरण(डीएमईआर) के पास अप्रैल 2022 में आवेदन किया था लेकिन इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं किया गया है।
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील प्रियभूषण काकडे ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता की ओर से जल्द से जल्द जरुरी दस्तावेज उपलब्ध कराए जाते है। तो आवेदन पर बुधवार तक निर्णय ले लिया जाएगा। इसके बाद ने डीएमईआर को इस बारे में फैसला लेने को कहा और सुनवाई को 4 मई तक के लिए स्थगित कर दिया।
Created On :   3 May 2022 8:16 PM IST