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अस्पताल के शौचालय में मिला था कोराना ग्रस्त महिला का शव, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जलगांव के अस्पताल की उस घटना को लेकर जवाब मांगा है। जहां 82 वर्षीय कोराना संक्रमित महिला के शव को अस्पताल के शौचालय में पाया गया था। यह शव अस्पताल के शौचालय में आठ दिनों से पड़ा था। यह घटना जून 2020 की है। शुरुआत में महिला के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी। आठ दिन बाद इस महिला का शव अस्पताल के शौचालय में मिला था। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने कहा कि सरकार इस मामले में महिला के परिजनों को कुछ मुआवजा प्रदान करे। खंडपीठ ने सरकारी वकील को इस बात का पता लगाने को कहा है कि क्या महिला का पोस्टमार्टम किया गया था। यदि पोस्टमार्टम किया गया था रिपोर्ट का ब्यौरा हमारे सामने पेश किया जाए। खंडपीठ ने इस घटना को अमानवीय व हैरानीपूर्ण बताया है। यह बेहद चिंताजनक है। खंडपीठ ने कहा कि महिला का शव आठ दिन बाद मिला। यह अमानवीय व डरावना है।
हाईकोर्ट में भाजपा के विधायक आशिष शेलार की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में दावा किया गया है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के शव दूसरे मरीज के बेड के बगल में पड़े रहते हैं। इस मामले में शव के निस्तारण को लेकर नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। याचिका में शव के निस्तारण को लेकर केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देश को अस्पताल में कड़ाई से लागू करने की मांग की गई है। इसके अलावा किसानों के कर्ज माफी व बच्चों की पढाई के मुद्दे को भी उठाया गया है। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने खंडपीठ को बताया कि जलगांव अस्पताल मामले की जांच चल रही है। अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। खंडपीठ ने इस मामले में सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है और मामले की सुनवाई 5 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
Created On :   28 Sept 2020 6:05 PM IST