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सुनवाई का मौका देने के बाद ही करो फैसला - मध्यान्ह भोजन का ठेका निरस्त करने के मामले पर हाईकोर्ट का आदेश
डिजिटल डेस्क जबलपुर । छतरपुर की एक स्व सहायता समूह को आवंटित मध्यान्ह भोजन का ठेका एक पटवारी की आरोपित दुर्भावना के कारण निरस्त करने वाले आदेश को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए जवाब पर विचार करने के बाद ही सक्षम अधिकारी नया आदेश जारी करें। तब तक सभी पक्षों पर यथास्थिति लागू रहेगी।
गोकुल स्व सहायता समूह की अध्यक्ष मुन्नी बाई की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया था कि उसको छतरपुर के लखनगवां, बुधगवां एवं गढ़ाघाट का पुर्वा में मध्यान्ह भोजन वितरण का कार्य आवंटित किया गया था। याचिका में आरोप था कि समूह को आवंटित उक्त ठेका निरस्त करने को लेकर जारी शोकॉज नोटिस का जवाब याचिकाकर्ता दे ही नहीं पाया और संबंधित अधिकारी ने 5 मार्च को ठेका ही निरस्त कर दिया। इस पर यह याचिका दायर की गई।
मामले पर हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता नरेन्द्र पाल सिंह रूपराह ने अदालत को बताया कि अनावेदकों द्वारा यह एकतरफा कार्रवाई स्थानीय पटवारी की दुर्भावना के कारण की गई, जो नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है।
पंचायत सचिव के ट्रांसफर पर रोक
सिवनी जिले के एक पंचायत सचिव के तबादले पर जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने रोक लगा दी है। ग्राम पंचायत भरवेली के पंचायत सचिव अरुण कुमार शांडिल्य की ओर से दायर इस याचिका में 23 जुलाई को उसको जनपद पंचायत केवलारी में अटैच किए जाने के आदेश को चुनौती दी गई है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता संजय कुमार जैन ने अदालत को बताया कि इस आदेश के खिलाफ एक अपील संभागायुक्त के समक्ष दायर की गई थी, लेकिन उन्होंने मात्र एकलाईन के आदेश से वह खारिज कर दी। अदालत ने उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली को मामले में निर्देश लेकर अगले सप्ताह होने वाली सुनवाई के दौरान पक्ष रखने कहा। साथ ही अंतरिम आदेश देते हुए याचिकाकर्ता को ग्राम पंचायत भरवेली में ही पदस्थ रखने कहा।
Created On :   13 Aug 2020 1:54 PM IST