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सांसद राहुल गांधी को अंतरिम राहत, सुनवाई 20 दिंसबर तक स्थगित करने का दिया निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मानहानि टिप्पणी को लेकर चल रहे मानहानि से जुड़े मामले में बांबे हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी को अतंरिम राहत दी है। जिसके तहत हाईकोर्ट ने गिरगांव मजिस्ट्रेट कोर्ट को इस मामले की सुनवाई 20 दिसंबर 2021 तक के लिए स्थगित करने का निर्देश दिया है। जबकि हाईकोर्ट में दो सप्ताह बाद इस मामले की सुनवाई रखी है। सोमवार को यह मामला न्यायमूर्ति एसके शिंदे के सामने सुनवाई के लिए आया। सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रोहन म्हाडिक ने कहा कि उन्हें राहुल गांधी की याचिका पर जवाब देने के लिए समय दिया जाए। वहीं राहुल की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सुदीप पालबोला ने कहा कि गिरगांव मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मेरे मुवक्किल(राहुल गांधी) को 25 नवंबर 2021 को कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया है। इसलिए मामले की अगली सुनवाई तक मेरे मुवक्किल को सरंक्षण दिया जाए। इस पर श्री म्हाडिक ने कोर्ट में निचली अदालत के आदेश का हवाला देते हुए बहस करने का प्रयास किया। इसे देखते हुए न्यायमूर्ती ने कहा कि या तो आप याचिका का जवाब दे या फिर बहस करे। दोनों चीजे एक साथ नहीं करने दी जाएगी। इसके बाद श्री म्हाडिक ने कहा कि उन्हें जवाब देने के लिए समय दिया जाए। इसके बाद न्यायमूर्ति ने मजिस्ट्रेट कोर्ट को प्रलंबित मानहानि के मामले पर 20 दिसंबर तक सुनवाई न करने का निर्दश दिया। और मामले की सुनवाई दो सप्ताह के बाद रखी। पिछले दिनों मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राहुल गांधी को समन जारी कर कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया था। जिसके खिलाफ राहुल गांधी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
भारतीय जनता पार्टी के नेता महेश श्रीमल ने मुंबई के गिरगांव कोर्ट में राहुल के खिलाफ मानहानि की शिकायत की है। मजिस्ट्रेट कोर्ट में की गई शिकायत के मुताबिक राहुल ने सितंबर 2018 में राजस्थान में एक रैली की थी। इस दौरान राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अशोभनीय व मानहानि टिप्पणी की थी। उनकी इस टिप्पणी के चलते प्रधानमंत्री को मीडिया व सोशल मीडिया में ट्रोल किया गया था। शिकायत के मुताबित राहुल ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री को कमांडर इन थीफ बताया था। इस तरह से राहुल ने प्रधानमंत्री पर चोरी का आरोप लगाया था। जो की पूरी तरह से मानहानिपूर्ण है। वहीं राहुल ने अपनी याचिका में इस शिकायत को तथ्यहीन बताया है और कहा है कि यह शिकायत कानूनी प्रक्रिया के दुरुपयोग का आदर्श उदाहरण है। याचिका में निचली अदालत के आदेश को खामीपूर्ण बताया गया है और कहा कि गया है कि आदेश में किसी कारण का उल्लेख नहीं किया गया है। महज तकनीकि रुप से आदेश जारी कर दिया गया है। इसलिए इस आदेश व मामले को खारिज कर दिया जाए। और निचली अदालत में में इस शिकायत के आधार पर कोर्ट में जारी कार्यवाही पर रोक लगाई जाए।
Created On :   22 Nov 2021 8:50 PM IST