यथावत रखा जाए दिल्ली नागपुर इंडस्ट्रियल कारीडोर
डिजिटल डेस्क, सिवनी । लोकसभा के जारी सत्र में बुधवार को नियम 377 के अधीन अविलंबनीय लोक महत्व के विषय अंतर्गत प्रस्तावित दिल्ली-सागर-नरसिंहपुर-सिवनी से होकर नागपुर जाने वाले दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरीडोर के विषय को बालाघाट सांसद डॉ ढाल सिंह बिसेन ने सदन के समक्ष रखा एवं राज्य सरकार द्वारा मार्ग परिवर्तित कर भेजे गए प्रस्ताव के स्थान पर पूर्व प्रस्ताव को ही यथावत रखने का आग्रह किया ताकि पिछड़े जिलों को योजना का लाभ मिल सके।
क्या है मामला
भारत सरकार द्वारा दिल्ली. नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरीडोर बनाया जाना है जिसका 70 प्रतिशत हिस्सा मध्यप्रदेश से होकर गुजरेगा। यह कॉरीडोर दिल्ली से सागर-नरसिंहपुर-सिवनी से होकर नागपुर बनाया जाना प्रस्तावित है। प्रदेश सरकार ने इसमें परिवर्तन कर नागपुर से बैतूल-भोपाल-सागर के रास्ते दिल्ली तक बनाने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा है।
सांसद ने राज्य सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज करते हुए सदन का ध्यान आकर्षित किया कि पूर्व प्रस्तावित रूट जो कि एनएच 44 है जोकि पूर्व से ही फोर लेन मार्ग है और यह मार्ग सागर से नरसिंहपुर, लखनादौन, सिवनी तथा नागपुर से कन्याकुमारी तक जाता है। यदि यह कारीडोर सागर से नरसिंहपुर, सिवनी होकर जाता तो इससे नरसिंहपुर, सिवनी जिले में भी उद्योगों की स्थापना होगी और सिवनी एवं नरसिंहपुर जिले की जनता को अपने ही जिले में रोजगार का अवसर मिलेगा। जिससे कि इन पिछड़े जिलों का विकास होगा। साथ ही नजदीकी जिलों जबलपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा तथा मण्डला को भी लाभ होगा।
Created On :   21 July 2022 11:25 AM GMT