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परिसीमन आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश, जम्मू और कश्मीरमें परिसीमन प्रक्रिया पर विचार करने के लिए बैठक की!

डिजिटल डेस्क | निर्वाचन आयोग परिसीमन आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश, जम्मू और कश्मीरमें परिसीमन प्रक्रिया पर विचार करने के लिए बैठक की| परिसीमन आयोग, जिसमें शामिल हैं-अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई, पदेन सदस्य श्री सुशील चंद्र (चुनाव आयुक्त) और पदेन सदस्यश्री केके शर्मा (राज्य चुनाव आयुक्त, जम्मू-कश्मीर)- ने आज नई दिल्ली में केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के सन्दर्भ में परिसीमन की प्रक्रिया पर उनके सुझाव/विचार प्राप्त करने के लिएकेंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के सहयोगी सदस्यों के साथ बैठक की। अध्यक्ष न्यायमूर्ति देसाई ने बैठक में सहयोगी सदस्यों-राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंहऔर सांसद श्री जुगल किशोर शर्मा का स्वागत किया।
परिसीमन आयोग ने 05 फरवरी को पत्र द्वारा सभी 5 सहयोगी सदस्यों– डॉ. फारूक अब्दुल्ला, श्री मोहम्मद अकबर लोन, श्री हसनैन मसूदी, श्री जुगल किशोर शर्मा और डॉ. जितेन्द्र सिंह को बैठक की सूचना दी थी, लेकिन आज की बैठक में सिर्फ दो सहयोगी सदस्य उपस्थित हुए। बैठक में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 और परिसीमन अधिनियम, 2002 के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया के बारे में सदस्यों को जानकारी दी गयी और केंद्र शासित प्रदेशजम्मू और कश्मीर के परिसीमन कार्य से संबंधित इन अधिनियमों की विभिन्न धाराओं का विवरण भी प्रस्तुत किया गया।
दोनों सहयोगी सदस्यों ने आयोग के प्रयासों की सराहना की और सुझाव दिया कि चुनाव क्षेत्रों का परिसीमन, जहां तक संभव हो, व्यावहारिक रूप से किया जाना चाहिए, परिसीमनभौगोलिक रूप से सघन क्षेत्रों के लिए होना चाहिए और परिसीमन करते समयभौगोलिक विशेषताओं; प्रशासनिक इकाइयों की मौजूदा सीमाओं; संचार और सार्वजनिक सुविधा आदि पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया के दौरान दुर्गम क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया। चुनाव आयुक्तश्री सुशील चंद्राने उनके मूल्यवान सुझावों का स्वागत किया और परिसीमन आयोग की तरफ से सहयोगी सदस्यों के सुझावों और विचारों पर संतुष्टि व्यक्त की। सदस्यों ने आने वाले दिनों में और सुझाव देने की इच्छा व्यक्त की।
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।