Aizawl News: पहली बार आइजोल में बजेगी ट्रेन की सीटी, 51 किलोमीटर में हैं 154 पुल और 48 सुरंगें

पहली बार आइजोल में बजेगी ट्रेन की सीटी, 51 किलोमीटर में हैं 154 पुल और 48 सुरंगें

Aizawl News. आजादी के 75 वर्ष बाद मिज़ोरम की पहाड़ियों में पहली बार ट्रेन की सीटी गूंजेगी। मिजोरम के बैरबी से सायरंग (आइजोल) तक नई रेल लाइन बनकर तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही इसका लोकार्पण करेंगे। इसके साथ ही मिजोरम की राजधानी आइजोल पूर्वोत्तर की चौथी राजधानी होगी, जो राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगी। इसके पहले असम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश की राजधानी रेल नेटवर्क से जुड़ चुकी हैं। आने वाले वर्षों में रेलवे की योजना इस रेललाइन को म्यांमार की सीमा तक पहुंचाने की है।

अब तक आइजोल पहुंचने के लिए केवल सड़क और वायु मार्ग ही विकल्प था। असम के सिलचर से आइजोल तक सड़क मार्ग से पहुंचने में लगभग 8 से 10 घंटे का समय लगता था, लेकिन इस 51 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग के शुरू होने के बाद यात्रा का समय घटकर लगभग तीन घंटे रह जाएगा। इतना ही नहीं, सड़क मार्ग की तुलना में किराया भी घटकर एक-चौथाई रह जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव कह चुके हैं कि यह परियोजना भारत के दिलों को जोड़ने वाली है। यह रेलमार्ग इस क्षेत्र में विकास, रोजगार और कनेक्टिविटी के लिए नए रास्ते तो खोलेगा ही, साथ ही सामरिक दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण है।

इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना है यह रेलखंड

यह परियोजना भारतीय इंजीनियरिंग का एक अद्भुत नमूना है। 51 किलोमीटर के इस छोटे खंड में छोटे-बड़े 154 पुल और 48 सुरंगें हैं। इसका सबसे ऊंचा पुल ब्रिज नंबर 144 है, जो मुलखांग और सायरांग के बीच स्थित है। इसकी ऊंचाई 104 मीटर है, जो दिल्ली के कुतुब मीनार से भी अधिक है।

2014 में मोदी ने किया था शिलान्यास

5,021 करोड़ रुपये की लागत वाली बैरवी-सायरंग रेल परियोजना के रास्ते में चार स्टेशन बनाए गए हैं। वैसे इस परियोजना की परिकल्पना 2008 में की गई थी। लेकिन 29 नवंबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शिलान्यास किया और अब यह लोकार्पण के लिए बनकर तैयार है। परियोजना के चीफ इंजीनियर विनोद कुमार ने बताया कि दुर्गम इलाका होने के चलते यह रेल पटरियां बिछाना मुश्किल काम था। लेकिन 11 वर्ष में यह कार्य पूर्ण हो गया।

Created On :   13 July 2025 9:26 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story