रांझी की बस्तियों में डेंगू की मार, एक दिन में मिले 5 नये मरीज

Dengue hit in the settlements of Ranjhi, 5 new patients found in a day
रांझी की बस्तियों में डेंगू की मार, एक दिन में मिले 5 नये मरीज
रांझी की बस्तियों में डेंगू की मार, एक दिन में मिले 5 नये मरीज



डिजिटल डेस्क जबलपुर। शहर की निचली बस्तियों और कॉलोनियों में डेंगू बुखार अब सेहत के लिहाज से मुसीबत साबित होने लगा है। कुछ विशेष चिन्हित क्षेत्रों में इस बुखार के मरीज अधिक संख्या में मिल रहे हैं। रांझी क्षेत्र में सोमवार को डेंगू के 5 नये मरीज मिले। एक बस्ती से 13 मरीजों के सैंपल लेकर वायरोलॉजी लैब भेजे गए थे, जिनमें से 5 को पॉजिटिव घोषित िकया गया। इन मरीजों को निजी हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती िकया गया है। इसी क्षेत्र में इससे पहले भी कई मरीज मिल चुके हैं। शहर में अब तक इसी सीजन में सरकारी रिकॉर्ड में अधिकृत तौर पर 47 मरीज मिल चुके हैं। इधर सरकारी िरकॉर्ड से अलग निजी अस्पतालों में इस बुखार से पीडि़त होकर बड़ी संख्या में लोग पहुँच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आँकड़ों में भले ही पीडि़त संख्या सीमित हो लेकिन यह बुखार बस्तियों में परेशानी बना हुआ है। डेंगू बुखार आर्थिक रूप से नुकसान पहुँचा रहा है। इसकी वजह यह है िक ज्यादातर मरीजों को बीमारी की गिरफ्त में आने के बाद भर्ती करना पड़ रहा है।
शहर में लगीं 19 टीमें -
मलेरिया अधिकारी डॉ. राकेश पहारिया के अनुसार जहाँ पर ज्यादा मरीज मिले, वहाँ पर सर्वे का काम तेज गति से िकया जा रहा है। मरीज ज्यादा संख्या में मिलने पर रांझी चम्पा नगर, मानेगाँव, बड़ा पत्थर आदि बस्तियों में स्वास्थ्य विभाग का अमला पहुँचकर लार्वा नष्ट करवा रहा है, साथ ही जो जरूरी समझाइश इस बीमारी से बचने के लिए जरूरी है वह दी जा रही है। अब पूरे शहर में 19 टीमों को इस कार्य में लगाया गया है।
प्लेटलेट्स मिलना आसान नहीं -
डेंगू बुखार से ग्रसित होने पर मरीज के प्लेटलेट्स तुरंत घट रहे हैं और किसी पीडि़त को यदि प्लेटलेट्स की जरूरत है तो आसानी से डोनर मिलना अभी संभव नहीं है। महामारी के तुंरत बाद आई इस बीमारी में प्लेटलेट्स मिलना आसान नहीं है। पीडि़तों के परिवारों को बड़ी जतन करने के बाद ही कोई िसंगल डोनर मिल पाता है। मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉ. अजय तिवारी कहते हैं कि अभी जो मरीज सामने आ रहे हैं उसमें सेहत एकदम से बिगड़ती है। यदि ब्लड प्लेटलेट्स तेजी से घटते हैं तो उन हालातों में प्लेटलेट्स ऊपर से चढ़ाना ही पड़ता है।
इसका पीक सीजन अगले माह -
एक्सपर्ट के अनुसार डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियाँ आमतौर पर बरसात जब जारी होती है तो उस समय कम होती हैं लेकिन जैसे ही सितंबर में बारिश का दौर कुछ थमता है तो ये ज्यादा लोगों को बीमार बनाती हैं। इस बार जून की शुरूआत में बारिश हुई और कुछ दिनों तक बारिश थमी, इस दौरान लोगों को मच्छर ने अपना निशाना बनाया। विशेषज्ञों के अनुसार अभी ज्यादा मामले मिलने पर मच्छरों से बचने की जरूरत है, साथ ही अगले माह इन बीमारियों से ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता है।

Created On :   2 Aug 2021 10:43 PM IST

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