दहाई के आँकड़े से नीचे आ गए डेंगू मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीज

Dengue, malaria and chikungunya patients came down from double figures
दहाई के आँकड़े से नीचे आ गए डेंगू मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीज
दहाई के आँकड़े से नीचे आ गए डेंगू मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीज

कोरोना काल में पिछले 6 वर्षों में सबसे कम मिले मच्छर जनित रोगों के मरीज, कुछ ही क्षेत्र अभी भी हॉटस्पॉट
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
कोरोना संक्रमण काल में भले ही 50 हजार से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हों, लेकिन इस दौरान मच्छर जनित रोगों से पीडि़त मरीजों की संख्या लगातार घटी है। पिछले 6 वर्षों में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीज घटकर दहाई के आँकड़े के नीचे आ गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के आँकड़ों पर गौर करें तो इस वर्ष जनवरी से अब तक मलेरिया और चिकनगुनिया के 8-8 और डेंगू के 9 मामले ही दर्ज किए गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि  कोरोना से बचने के लिए बरती गई अतिरिक्त सावधानियों का नतीजा रहा है कि लोग बहुत हद तक इन बीमारियों से बचे रहे। विशेषज्ञों के अनुसार मच्छर जनित रोगों से बचने के लिए घरों के आस-पास सफाई रखना जरूरी है। मानसूनी सीजन में इनसे जुड़े मामले सबसे ज्यादा सामनेे आते हैं। संभाग के सबसे बड़े अस्पताल नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में मलेरिया के नए मरीज भर्ती हो रहे हैं जबकि डेंगू के भी कुछ मरीज सामने आए हैं।    शो-पीस बनीं निगम की फॉगिंग मशीनें 
मच्छरों पर नियंत्रण करने के लिए नगर निगम फॉगिंग मशीनों से धुआँ करता है लेकिन डीजल-पेट्रोल की तंगी का रोना रोकर कई माह से फॉगिंग मशीनें शो-पीस बनी हुई हैं। निगम की लापरवाही यदि ऐसे ही जारी रही तो निश्चित ही आगे चलकर इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। चूँकि अभी कोरोना समाप्त नहीं हुआ है और तीसरी लहर की बात की जा रही है, कहीं ऐसा न हो कि कोरोना भी आए और साथ में डेंगू-मलेरिया भी हमला कर दें।
2018 में सबसे ज्यादा मामले 
वर्ष 2018 में जब डेंगू और चिकनगुनिया फैला था तब हर घर में इन बीमारियों के मरीज मिल रहे थे। जानकारों का कहना है कि उस समय शहर की बड़ी आबादी इन बीमारियों से ग्रसित हुई थी। प्रशासनिक आँकड़ों में  उस साल डेंगू के 825 मामले सामने आए थे। यही नहीं इसी वर्ष चिकनगुनिया के 1543 मामलों ने भी रिकॉर्ड तोड़ा था।  
इन क्षेत्रों में मिले मरीज 
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष जिन क्षेत्रों में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के मामले सामने आए, उनमें  गढ़ा, रद्दी चौकी, गाजी मोहल्ला, मदार टेकरी, पिसनहारी की मढिय़ा और कुम्हार मोहल्ला गढ़ा प्रमुख हैं। इनके अलावा शहर में काँचघर, शीतलामाई, गुरंदी  जैसे क्षेत्रों में डेंगू और चिकनगुनिया के केस मिलते रहे हैं। 
दोनों बीमारियों के मरीज मिल रहे हैं
इनका कहना है
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के साथ ही अन्य चिकित्सालयों में भी मलेरिया के मरीज लगातार मिल रहे हैं। डेंगू के मरीज कम हैं लेकिन सामने आ रहे हैं। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।
-डॉ. दीपक बरकड़े, मेडिकल स्पेशलिस्ट
लार्वा सैंपलिंग जारी 
नगर निगम के साथ मिलकर लार्वा सैंपलिंग का काम कराया जा रहा है। कोरोना काल में शहर के विभिन्न क्षेत्रों का सेनिटाइजेशन हुआ है, जिसके चलते पिछले कुछ वर्षों की तुलना में इस साल केस कम आए हैं।
डॉ. राकेश पहारिया, जिला मलेरिया अधिकारी
 

Created On :   13 July 2021 3:27 PM IST

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