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उपमुख्यमंत्री ने कहा - अमरावती में हुई हिंसा के लिए पीएफआई जिम्मेदार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ पाबंदी के केंद्र सरकार के फैसले को सही करार देते हुए उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अमरावती में कुछ महीनों पहले हुई हिंसा के लिए यह संगठन जिम्मेदार था। उन्होंने कहा कि पीएफआई सीधे हिंसा में शामिल रही है। त्रिपुरा में जो घटना नहीं हुई उसके नाम पर फर्जी वीडियो बनाकर महाराष्ट्र के अमरावती में आतंक फैलाने का काम किया गया। यह दिखाया गया कि त्रिपुरा में मस्जिदें जलाईं जा रहीं हैं और इसके जरिए महाराष्ट्र में लोगों को भड़काने का काम किया और राज्यभर में प्रदर्शन और तोड़फोड़ की गई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पाबंदी लगाने के बाद राज्यों को भी संस्था के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार दिया है। संस्था की अब तक की जांच में कई बातें सामने आई हैं। एजेंसियों की नजर से बचने के लिए पीएफआई ने बड़ी संख्या में बैंक खाते खोले जिनमें थोड़ी थोड़ी रकम मंगाई गई। फडणवीस ने कहा कि टेरर फंडिंग के लिए इसी तरह रकम जमा की गई। पीएफआई के साथ जुड़ी दूसरी संस्थाओं के बारे में भी जानकारी इकठ्ठा की जाएगी और सबूत मिलने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
‘साइलेंट किलर थी पीएफआई’
फडणवीस ने कहा कि पीएफआई साइलेंट किलर है। जब उसने देखा कि देश की खुफिया एजेंसियां सतर्क हैं और आतंकी वारदातें, धमाके करना आसान नहीं है तो उन्होंने नया तरीका खोज निकाला जिसके तहत सामने मानवीय चेहरा दिखाकर पीछे हिंसक गतिविधि की तैयारी की जाती थी। उन्होंने कहा कि पीएफआई हिंसा के बीज बोती थी और इसके लिए पैसा खर्च करने के साथ कहानियां तैयार करती थी। इसके बाद हिंसा कराती थी। उन्होंने कहा कि सबसे पहले केरल सरकार ने पीएफआई पर पाबंदी की मांग की थी। वहां भाजपा की सरकार नहीं थी। फडणवीस ने कहा कि सिमी पर पाबंदी के बाद उससे जुड़े लोगों ने पीएफआई शुरू की थी।
‘आरएसएस पर पाबंदी की मांग मूर्खता’
फडणवीस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर पाबंदी की कांग्रेस के नेताओं की मांग को मूर्खतापूर्ण करार देते हुए कहा कि कांग्रेस का जिन राज्यों में शासन है क्या वे वहां आरएसएस के खिलाफ कुछ खोज पाई हैं। इसलिए ऐसी मांग बेतुकी है। वहीं भाजपा नेता और वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि आरएसएस देशभक्त संगठन है। जब मांग करने वालों की सरकार थी तो उन्होंने आरएसएस पर पाबंदी क्यों नहीं लगाई।
कुछ बड़ा करने वाली थी पीएफआई-मुख्यमंत्री शिंदे
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी पीएफआई पर पाबंदी को सही बताते हुए कहा है कि पीएफआई राज्य में भी कुछ बड़ा करने की तैयारी कर रही थी। संस्था से जुड़े लोगों ने पुणे में भी शांति भंग करने की कोशिश की लेकिन पुलिस तुरंत हरकत में आई और स्थिति को संभाल लिया। उन्होंने कहा कि पीएफआई गंभीर अपराधों में शामिल थी। आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराने, हत्या, संविधान का अपमान करने, सामाजिक सौहार्द खराब करने जैसी गतिविधियों में शामिल थी।
पीएफआई पर पाबंदी सही-वलसे पाटील
पूर्व गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने भी पीएफआई पर पाबंदी के फैसले को सही बताते हुए कहा कि सिमी खत्म होने के बाद पीएफआई अस्तित्व में आई। एनआईए के पास सबूत होंगे तो फैसले को स्वीकार करना चाहिए। राष्ट्रहित में लिए गए फैसले का स्वागत करना चाहिए।
हरकत में आई पुलिस
पीएफआई पर पाबंदी लगते ही पुलिस सक्रिय हो गई। बुधवार को नई मुंबई पुलिस ने पीएफआई कार्यालय पर लगा बैनर हटा दिया। इसके अलावा एटीएस संगठन के पदाधिकारियों के खिलाफ सक्रिय हो गई है। बता दें कि राज्य के 12 जिलों से एटीएस ने पीएफआई से जुड़े 21 लोगों को गिरफ्तार किया है।
Created On :   28 Sept 2022 8:35 PM IST