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पूर्व ग्राम पंचायत जमतरा में नहीं किए विकास कार्य, फिर भी टैक्स वसूल रहा है नगर निगम

पूर्व सरपंच ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी टैक्स वसूली को चुनौती
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच में जबलपुर की पूर्व ग्राम पंचायत जमतरा के पूर्व सरपंच ने याचिका दायर कर कहा है कि जमतरा में बिना विकास किए नगर निगम द्वारा टैक्स वसूली की जा रही है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने इस मामले की सुनवाई ग्राम पंचायतों को नगर निगम में शामिल किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका के साथ करने का निर्देश दिया है। अधिवक्ता असीम त्रिवेदी, रीतेश शर्मा और अपूर्व त्रिवेदी ने पैरवी की।
यह है मामला
यह याचिका जमतरा ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच अजय पाठक और शिवशरण शर्मा ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि जमतरा ग्राम पंचायत को वर्ष 2014 में नगर निगम में शामिल किया गया था, जो वर्तमान में नगर निगम के वार्ड क्रमांक-67 में है। वर्ष 2014 में ग्राम पंचायतों को नगर निगम में शामिल किए जाने की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि संविधान के अनुच्छेद 243 क्यू के प्रावधानों का उल्लंघन कर जमतरा को नगर निगम में शामिल किया गया है।
भिक्षुकों की समस्या पर जवाब पेश करने मिली मोहलत
मप्र हाईकोर्ट ने भिक्षुकों के लिए रैन-बसेरा और चौराहों पर बाल भिक्षुकों की समस्या पर राज्य सरकार और ननि को जवाब पेश करने के लिए तीन सप्ताह की मोहलत दे दी है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस संजय द्विवेदी की डिवीजन बैंच ने इस मामले में दायर जनहित याचिका की अगली सुनवाई 16 मार्च को निर्धारित की है। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने कहा कि जबलपुर शहर के प्रमुख चौराहों पर बाल भिक्षुकों की संख्या दिनों-दिन बढ़ रही है।
Created On :   16 Feb 2021 2:28 PM IST