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धनुष ने दागे बारूदी तीर, सारंग ने फिर दिखाए तबाही के इरादे

जबलपुर इकलौता शहर जहाँ धनुष तैयार भी हुई और टेस्टिंग भी, बालासोर, इटारसी जैसा परीक्षण अब यहीं मुमकिन हुआ
डिजिटल डेस्क जबलपुर । जिस हाईटेक गन का चंद दिनों में ही दुनिया लोहा मानने लगी है वह पहली बार शहर की धरती पर गरजी। आसपास की धरती कँपाकँपा गई। दूर-दराज के क्षेत्र भी दहल उठे। अपने दमखम से धनुष ने यह इरादे भी दिखाए कि कभी दुश्मन ने हिमाकत दिखाई तो उसका हाल क्या होगा। एक और खास बात यह है कि सारंग ने भी बखूबी साथ निभाया और एक बार फिर खुद को साबित किया। इसके साथ ही जबलपुर इकलौता शहर बन गया जहाँ धनुष को बनाया भी गया और वहीं टेस्टिंग भी की गई। दुश्मन का दिल दहलाने वाली 155 कैलिबर गनें जब खमरिया के लांग प्रूफ रेंज (एलपीआर) में एक साथ गरजीं तो तेज धमाकों से तकरीबन 500 मीटर की धरती हिल गई। आसपास का आसमां धुँध में ढँक गया। दुनिया की सबसे बेहतर गनों में से एक धनुष का पहली बार जबलपुर में फायरिंग टेस्ट किया गया। इस बेहद खास मौके पर महानिदेशक (क्यूएंडए) लेफ्टिनेंट जनरल संजय चौहान विशेष तौर पर मौजूद रहे।
पहले बालासोर और इटारसी7 एलपीआर के कमांडेंट ब्रिगेडियर निश्चय राउत ने बताया कि सामान्य तौर पर अब तक निर्माणियों को पीएक्सई बालासोर और सीपीई इटारसी फायरिंग रेंज पर निर्भर रहना पड़ता था। यह उपलब्धि हाल ही के दिनों में एलपीआर को हासिल हुई है। पिछले महीने की 21 तारीख को सारंग के साथ एलपीआर को टेस्टिंग के लिए शत-प्रतिशत सफल पाया गया।
16 राउण्ड फायर 7 एक धनुष और तीन सारंग को अलग-अलग स्थिति में तैनात किया गया। एक गन प्वॉइंट पर सारंग अकेले लगाई गई, जबकि दूसरे स्थान पर दो सारंग गनों के बीच धनुष को फिक्स किया गया। हर एक गन ने 4 राउण्ड फायर किए। इस तरह से चार गनों से कुल 16 राउण्ड फायर हुए।
15 डिग्री 7 हर एक गन से सबसे पहले 15 डिग्री पर फायर करने की तैयारी की गई। बैरल को तय एंगल तक उठाया गया। पहले ही धमाके ने कमाल की ताकत बता दी।
45 डिग्री7 इसके पश्चात क्रू ने अप-डाउन व्हील से बैरल को ऊपर उठा दिया। 45 डिग्री पर गनें सरहद में तैनाती के अंदाज में खड़ी हो गईं। दूसरा धमाका हुआ, लेकिन पहले से ज्यादा ताकतवर।
0 डिग्री 7 दो एंगलों पर विध्वंसक क्षमता दिखाने के बाद धनुष और सारंग को वर्टिकल कंडीशन में लाया गया। सामने बने बट पर गोला पहुँचा तो आसमान में गुबार छा गया।
15 डिग्री 7 चौथे और आखिरी राउण्ड में गनों के बैरल को पहली जैसी स्थिति में लाया गया। आखिरी फायर की ताकत ठीक पहले राउण्ड की फायरिंग जैसी रही एकदम सटीक।
क्या हैं विशेषताएं
धनुष
> 03 फायर प्रति मिनट में।
> डेढ़ घंटे तक लगातार दागने में सक्षम।
> 155 एमएम बैरल से 40 किमी दूरी तक निशाना साधने में सक्षम ।
> 12 फायर प्रति मिनट करने की क्षमता।
> 46.5 किलोग्राम का गोला इससे दागा जा सकता है।
सारंग
> वजन में काफी हल्की।
> माउंटेन गन में भी बदला जा सकता है।
> 39 किलोमीटर तक रेंज ।
> नाइट विजन डिवाइस से रात में भी निशाना।
> 125 एमएम के बम का इस्तेमाल ।
Created On : 22 Feb 2020 8:22 AM