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नागपुर की बजाय मुंबई में हो सकता है शीतकालिन अधिवेशन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानमंडल के शीतकालिन अधिवेशन के स्थान को लेकर महा विकास आघाडी सरकार में मतभेद दिखाई दे रहे हैं। सरकार में शामिल कांग्रेस व राकांपा के नेता नागपुर में अधिवेशन चाहते हैं जबकि शिवसेना के नेता चाहते हैं कि मानसून सत्र मुंबई में ही आयोजित किया जाए। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी मुंबई के पक्ष में है। नागपुर करार के मुताबिक हर साल विधानमंडल का मानसून सत्र नागपुर में आयोजित किया जाता है। मानसून सत्र की समाप्ति पर आगामी 7 दिसंबर से नागपुर में शीतकालिन सत्र आयोजित करने का एलान किया गया था। पर अभी तक विधानमंडल कामकाज सलाहकार समिति (बीएससी) की कोई बैठक आयोजित नहीं हो सकी है जबकि नियमानुसार अधिवेशन के 45 दिन पहले बीएससी की बैठक होनी चाहिए। पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का समय न मिल पाने के कारण अभी तक यह बैठक नहीं हो सकी है जबकि अधिवेशन शुरु होने को 24 दिन ही शेष हैं। इस वजह से अधिवेशन की तैयारियों में गति नहीं आ पा रही है। अभी तक बीएससी की बैठक की तिथि भी तय नहीं हुई है। मुख्यमंत्री फिलहाल अस्पताल में हैं और विधान परिषद के सभापति रामराजे नाईक निंबालकर पुणे अपना उपचार करा रहे हैं। इस लिए जल्द यह बैठक होने के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं।
विधानमंडल सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 7 दिसंबर की बजाय 14 दिसंबर से नागपुर में अधिवेशन होना चाहिए। सूत्रों के अनुसार राज्य के वित्तमंत्री व उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी चाहते हैं कि कोरोना की वजह से राज्य की आर्थिक स्थिति खराब हुई है, इस लिए नागपुर की बजाय शीतकालिन अधिवेशन मुंबई में हो। कांग्रेस के एक वरिष्ठ मंत्री ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि परिस्थितियों को देखते हुए इस बात की संभावना अधिक है कि विधानमंडल का शीतकालिन सत्र नागपुर की बजाय मुंबई में आयोजित किया जाए। जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले की इच्छा है की अधिवेशन नागपुर में ही हो।
लगातार दूसरे साल नागपुर में अधिवेशन नहीं!
यदि शीतकालिन अधिवेशन इस साल भी नागपुर में नहीं हुआ तो यह लगातार दूसरी बार होगा जब शीतकालिन सत्र नागपुर की बजाय मुंबई में आयोजित किया जाएगा। कांग्रेस-राकांपा नेताओं को लगता है कि इससे विदर्भ की जनता नाराज हो सकती है और यह नागपुर करार का भी उलंघन होगा।
Created On :   12 Nov 2021 7:29 PM IST