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NIMP को लेकर सत्ताधारी दल के मंत्री-सांसद में रार, राऊत बोले - देशमुख सिंधुदुर्ग की बजाय लातूर ले जाने चाहते हैं परियोजना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार के घटक शिवसेना और कांग्रेस के बीच केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय की परियोजना को अपने वर्चस्व वाले जिले में लगाने को लेकर मतभेद सामने आए हैं। रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग के शिवसेना सांसद विनायक राऊत ने प्रदेश चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख पर केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा सिंधदुर्ग के लिए मंजूर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल प्लांट (एनआईएमपी) परियोजना को लातूर ले जाने का आरोप लगाया है। राऊत ने कहा कि देशमुख का सिंधुदुर्ग के लिए स्वीकृत परियोजना को लातूर ले जाने का प्रयास एकदम निंदनीय और अशोभनीय है। राऊत ने देशमुख को अपने पिता तथा कांग्रेस के दिग्गज नेता दिवंगत विलासराव देशमुख के गुण को अंगीकार करने की नसीहत दी है।
राऊत ने कहा कि केंद्रीय आयुर्वेद, योग व प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी (आयुष) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपाद नाईक ने एनआईएमपी परियोजना सिंधदुर्ग में लगाने को मंजूरी दी थी। इसके लिए प्रदेश के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने एनआईएमपी परियोजना के लिए सिंधुदुर्ग की आडाली एमआईडीसी में 60 एकड़ जमीन भी आवंटित की है, लेकिन मंत्री देशमुख ने अचानक एनआईएमपी परियोजना सिंधुदुर्ग के बदले लातूर में लगाने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री नाईक को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के संज्ञान में यह बात लाई गई। जिसके बाद केंद्रीय राज्य मंत्री नाईक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर परियोजना सिंधुदुर्ग में लगाने की बात कही है। राऊत ने कहा कि मैंने परियोजना को लेकर मंत्री देशमुख से कई बार मुलाकात करने की कोशिश की। राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने भी कई बार प्रयास किया। लेकिन हमें देशमुख ने मुलाकात के लिए समय नहीं दिया। वहीं भाजपा के प्रदेश सचिव प्रमोद जठार ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार को सिंधुदुर्ग में एनआईएमपी परियोजना नहीं चाहिए तो आखिर सरकार कोंकण के विकास के लिए चाहती क्या है? कोंकण का विकास कैसे करना है? इसका जवाब सांसद राऊत को देना पड़ेगा।
सिंधदुर्ग की परियोजना को लातूर में नहीं ले जाया जा रहाः देशमुख
उधर चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने कहा कि परियोजना को लेकर कांग्रेस और शिवसेना के बीच कोई मतभेद नहीं है। सिंधदुर्ग के लिए मंजूर परियोजना को लातूर में नहीं ले जाया जा रहा है। आयुष मंत्रालय की एनआईएमपी परियोजना सिंधदुर्ग में लगाने का प्रस्ताव राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग के सामने कभी आई ही नहीं थी। आयुष मंत्रालय ने सिंधदुर्ग के लिए हर्बल गार्डन परियोजना मंजूर की थी। इसके अलावा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद शुरू करने के लिए पत्र व्यवहार हुआ था। देशमुख ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने एनआईएमपी परियोजना जलगांव में लगाने का फैसला लिया था लेकिन बाद में आयुष मंत्रालय ने कहा कि जलगांव की जगह उपयुक्त नहीं है। इसलिए राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जलगांव के बदले लातूर में परियोजना लगाने का प्रस्ताव दिया है। अब इस पर आयुष मंत्रालय अंतिम फैसला करेगा। जिस पर राज्य सरकार अमल करेगी। विलासराव देशमुख के गुण को अंगीकार करने की राऊत की ओर से दी गई नसीहत पर मंत्री देशमुख ने कहा कि प्रशासन के कामकाज में भावनाओं में बहकर टिप्पणी करना उचित नहीं है। मैं राऊत से बातचीत करके समस्या का समाधान करूंगा।
Created On :   6 Oct 2020 6:08 PM IST