बाबरी विध्वंस की बरसी पर शिवसेना नेताओं के अलग-अलग सुर

Different voices of Shiv Sena leaders on the anniversary of Babri demolition
बाबरी विध्वंस की बरसी पर शिवसेना नेताओं के अलग-अलग सुर
राऊत ने कहा - देशहित में भूलें बाबरी विध्वंस की बरसी पर शिवसेना नेताओं के अलग-अलग सुर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अयोध्या के बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर शिवसेना के नेताओं की अलग-अलग राय सामने आई है। सोमवार को बाबरी विध्वंस की बरसी पर शिवसेना के सचिव तथा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी सहायक (पीए) मिलिंद नार्वेकर ने एक तस्वीर ट्वीट कर कहा कि ‘अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण हेतु शिवसैनिकों के बलिदान को कोटी-कोटी नमन।’ जबकि शिवसेना सांसद संजय राऊत ने दिल्ली में कहा कि हमारी बाबरी विध्वंस को लेकर कोई यादें नहीं हैं। जो बातें भुलाइ जा सकती हैं उसको देश और समाज हित के लिए भूल जाना चाहिए। वह अध्याय खत्म हो चुका है। उस अध्याय में शिवसेना का भी अयोध्या का एक पन्ना है। उस पन्ने को कोई पोंछ नहीं सकता। 

राऊत ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। देश को अखंड रखने के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए। वहीं शिवसेना सांसद विनायक राऊत ने दावा किया कि नार्वेकर और संजय राऊत की भूमिका अलग-अलग नहीं है। नार्वेकर ने केवल एक याद के रूप में ट्वीट किया होगा। लेकिन राऊत ने सही कहा है कि उस घटना को 29 साल बीत चुके हैं अब उस पर चर्चा करने की आवश्यकता नहीं है। 

नार्वेकर के समर्थन में भाजपा 

दूसरी ओर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने पुणे में कहा कि मुझे पता नहीं कि नार्वेकर का मातोश्री (उद्धव) से झगड़ा हुआ है क्या? नार्वेकर ने ट्वीट करके महाविकास आघाड़ी के ढांचे में सुरंग खोदी है। क्योंकि महाविकास आघाड़ी की मिनार धर्मनिरपेक्षता और अल्पसंख्यकों पर खड़ी है। जबकि विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने नार्वेकर के ट्वीट का समर्थन किया है। फडणवीस ने कहा कि उन्होंने जो बात ट्वीट में कही है वह उचित है। उसमें गलत क्या है? वहीं केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कटाक्ष करते हुए कहा कि नार्वेकर कौन हैं? वह नए शिवसेना प्रमुख बने हैं क्या? 


 

Created On :   6 Dec 2021 7:49 PM IST

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