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आईटी के नए नियमों पर हाईकोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शनिवार को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के नए नियमों के क्रियान्वयन के कुछ हिस्सों पर अंतरिम रोक लगाई है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने आईटी नियम के क्लॉज़ 9(1) और 9(3) के प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगाई है। इन नियमों का संबंध डिजिटल मीडिया के लिए बनाई गई नैतिक अचार संहिता के पालन से है। खंडपीठ ने कहा कि इन नियमों के पालन से जुड़ी अनिवार्यता संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत मिली बोलने की स्वतंत्रता का उल्लंघन करती हैं। इसके अलावा क्लॉज़ 9 सूचना प्रौद्योगिकी कानून के दायरे से बाहर जाता नजर आ रहा है।
खंडपीठ के इस आदेश के बाद केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे एडिसनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने खंडपीठ से अपने इस फैसले पर रोक लगाने का आग्रह किया। ताकि इस आदेश के खिलाफ वे अपील कर सके। किन्तु खंडपीठ ने इस आग्रह को अस्वीकार कर दिया। इस दौरान खंडपीठ ने आईटी के नियम 14 व 16 पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। जिसका संबंध आपात स्थिति में सूचनाओं व सामग्री को ब्लॉक करने व कमेटियों के गठन से जुड़ा था।
एक न्यूज़ वेबसाइट व वरिष्ठ पत्रकार निखिल वागले ने आईटी के नए नियमों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में नए नियमों को कठोर, अस्पष्ट, मनमानी पूर्ण, अवैध व मीडिया की गतिशीलता को प्रभावित करने वाला बताया गया था। इसके अलावा दावा किया गया था कि इन नियमों का असर नागरिकों की बोलने की आजादी पर भी पड़ेगा। एडिसल सॉलिसिटर जनरल श्री सिंह के मुताबिक यह नियम फर्जी खबरो पर लगाम लगाने के लिए लाए गए हैं। खंडपीठ ने फिलहाल नियमों के कुछ हिस्सों के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगा दी है और याचिका को विचारार्थ मंजूर कर लिया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार को याचिका के जवाब में विस्तृत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।
Created On :   16 Aug 2021 4:44 PM IST